इन दिनों पड़ रही उमस भरी गर्मी के बीच रोडवेज की एसी बसें काम नहीं कर रही हैं. बीच रास्ते में ही एसी फेल हो जा रही है यानी कूलिंग बंद हो जा रही है. इसके चलते पैसेंजर एसी बसों का सुहाना सफर का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. इसी को लेकर एक यात्री ने एक दिन पहले ट्विटर हैंडल के जरिए ट्वीट कर रोडवेज के एसी बस का एसी सही से काम नहीं करने का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सिविल लाइंस व प्रयाग डिपो पर आने-जाने वाली एसी बसों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान एसी बसों से सफर कर प्रयागराज पहुंचे पैसेंजर्स से बातचीत की. यात्रियों ने बताया कि कुछ किलोमीटर चलते ही एसी काम करना बंद कर देता है. गर्मी का अहसास होने लगता है. रिपोर्टर ने इसके पीछे की वजह जाने की कोशिश की. इस दौरान निकल कई तकनीकी खामियां सामने आई.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में एसी बसों के स्टाफ ने बताया कि ज्यादातर एसी बसों का कंप्रेसर कमजोर हो चुका है। जिसके चलते एसी से काम नहीं कर रहा है। एसी से आने वाली अजीब से आवाज से एसी बस का ड्राइवर पकड़ लेता है। शिकायत के बाद कुछ बसों का कंप्रेसर रिपेयर या चेंज हो जाए बड़ी बात है। क्योंकि कंप्रेसर कमजोर होने की पर कंडीशन में या तो रिपेयर हो या फिर बदला जाए। कई बसों में एसी चलाते ही अजीब सी महक आने लगती है। इसका मतलब है कि लीक हो रहा है। इसके लिए केबिन एयर फिल्टर बदलना पड़ता है। स्टाफ ने बताया कि हर एसी की कूलिंग की लाइफ होती है। लाइफ खत्म होने के बाद वह बेकार हो जाती है। यदि ड्राइवर व कंडक्टर शिकायत करें तो अधिकारी भी उसी को टारगेट कर लेते हैं।
यह भी होता है 'खेल
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में एक स्टाफ ने बताया कि एसी बसों के गैस टॉपअप करने में भी खेल होता है। जब बस सर्विस के लिए वर्कशॉप जाती है तो गैस टॉपअप हर बार लिखा-पढ़ी में लिखा जाता है। लेकिन टॉपअप दस परसेंट ही होता है। एसी गैस तक को मार्केट में जुगाड़ से बेच दिया जाता है। एक्सीडेंटल में खड़ी एसी बसों का पाट्र्स निकाल कई बार जुगाड़ से चलाया जाता है। लेकिन बिल बराबर बनाया जाता है। वहीं सूत्रों की माने तो कुछ एसी बसों के स्टाफ भी तेल चोरी करने के लिए एसी बीच-बीच में बंद कर देते हैं। क्योंकि दूरी के हिसाब से तेल खर्च कितना होता है।

इन बसों में खराब मिली एसी
यूपी 78 एफएन 8694
यूपी 32 एनएन 0353
यूपी 78 एफएन 7512

एसी बस में सफर के दौरान अपने को ठगा महसूस कर रहा हूं। क्योंकि किराया एसी का लिया गया। लेकिन बीच-बीच में गर्मी का अहसास कर रहा था। भले किराया और बढ़ा दें लेकिन सुविधा तो दें।
पप्पू, यात्री

एसी का मतलब होता है कि गर्मी से राहत मिले। मगर जिस बस से सफर करके आ रहा हूं। इस बस की एसी काम नहीं कर रही थी। पूछने पर कर्मचारी ने बाहर गर्मी ज्यादा पडऩे पर थोड़ा कम काम करने का हवाला दिया गया।
अमर, यात्री

विभाग द्वारा बस के अंदर टोल फ्री व शिकायत नंबर लिखा होता है। वह तक गायब है। ताकि पैसेंजर शिकायत न कर सके। कई बार तो बीच में चिल्लाने पर एसी ऑन किया जा रहा था। अब हकीकत क्या है यह तो स्टाफ ही जाने।
गोविंद, एसी बस यात्री

जिन बसों के बारे में आप पूछ रहे हैं। यह दूसरे डिपो की है। यह बसें भी उन्हीं के वर्कशॉप में सर्विस होती है। लेकिन आपने समस्या को बताया है तो इसको नोट कर संबंधित डिपो के अधिकारियों को सूचित कर दिया जाएगा।
सीबी राम वर्मा, एआरएम प्रयागराज

Posted By: Inextlive