अचानक सीएचसी पहुंचे कमिश्नर, अनुपस्थित मिला स्टाफ
प्रयागराज (ब्यूरो)। सर्वप्रथम उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया जिसमें अधिकांश डॉक्टर एवं कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। अनुपस्थिति का कारण पूछे जाने पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही फार्मेसिस्ट जयसिंह की 3 दिन से बिना कारण अनुपस्थिति पर उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए।
कार्रवाई के दिए आदेश
इसी क्रम में ब्लॉक कम्युनिटी प्रोग्राम मैनेजर (बीसीपीएम) अजय कुमार की बिना टूर रजिस्टर पर एंट्री की अनुपस्थिति पर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सीमा की निरीक्षण के दौरान अनुपस्थिति के बारे में पूंछे जाने पर उन्हें अवकाश पर होना बताया गया परंतु अवकाश के संबंध में उनका प्रार्थना पत्र उपलब्ध नहीं कराया जा सका जिस पर भी कमिश्नर ने खासी नाराजगी व्यक्त की।
इमरजेंसी रजिस्टर था नदारद
निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी रोस्टर के अनुसार डॉक्टरों की ड्यूटी के संबंध में पूछे जाने पर ज्ञात हुआ कि इमरजेंसी रजिस्टर ही नहीं बनाया गया था। टीबी मरीजों हेतु बनाई गई डॉट्स प्रयोगशाला एवं वैक्सीन कक्ष का भी निरीक्षण किया गया जिसके दौरान वैक्सीन के रख रखाव एवं लॉग बुक संबंधित जानकारी ली गई। वैक्सीन कक्ष में तैनात महिला कर्मी से वैक्सीन रखने के टेंपरेचर के संबंध में पूछे जाने पर संतोषजनक उत्तर नहीं मिल सका जिस पर भी कमिश्नर नाराज हुए।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षक कार्यालय में बने शौचालय में साफ सफाई की समुचित व्यवस्था ना होने एवं पानी की टोटी टूटी हुई पाई गई। टेलीमेडिसिन कक्ष भी बंद पाया गया तथा उसके बारे में जानकारी लेने पर वह कब खुलता है एवं बंद होता है उसके बारे में भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। औषधि भंडार कक्ष का भी निरीक्षण किया गया एवं रेंडम दवाइयों की लॉग बुक में की गई एंट्री से मिलान करने पर अनियमितताएं पाई गई जिसके पश्चात फार्मासिस्ट के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत अत्यंत चिंताजनक पाए जाने पर अधीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
प्रभारी सीडीओ को सौंपी जांच
इसी क्रम में कमिश्नर ने खंड विकास कार्यालय कौंधियारा का निरीक्षण करते हुए वहां पर निविदाओं में अनियमितताओं की प्राप्त शिकायतों की जांच कराते हुए उनका 2 दिन में निस्तारण करने के निर्देश डीडीओ को दिया। साथ ही पूर्व में नरेगा संबंधित भुगतान में अकाउंटेंट द्वारा की गई त्रुटि के संबंध में भी डीडीओ को 2 दिन के अंदर जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और यदि इस जांच में अकाउंटेंट की गलती पाई जाती है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।