शहर के अंदर दो-चार नहीं बल्कि हजारों वाहन ऐसे संचालित हो रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन प्राइवेट है और वे कॅमर्शियल एक्टिविटी में इनवाल्व हैं. ये वाहन टैक्स चोरी कर सीधे-सीधे सरकार को चूना लगा रहे है. ऐसे ज्यादातर वाहन स्कूलों में अटैच हैं. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट में खबर प्रकाशित होने के बाद आरटीओ प्रशासन एक्टिव हो गया है.

टैक्स बचाने के लिए नार्मल नंबर प्लेट लगाकर ढो रहे हैं सवारियां, चेकिंग भी मुश्किल
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट में खबर प्रकाशित होने के बाद एक्टिव हुआ प्रशासन, कार्रवाई के निर्देश

प्रयागराज (ब्‍यूरो)।कार्रवाई के लिए टीमें गठित कर दी गयी हैं। विभाग का कहना है कि जो वाहन कॅमर्शियल एक्टिविटी में इनवाल्व हैं उन वाहनों का नंबर प्लेट यलो रंग का होता है। इनका टैक्स पे करने का सिस्टम अलग है। प्राइवेट के रूप में रजिस्ट्रेशन से वे टैक्स चोरी करते हैं। ऐसे वाहनों को चिन्हित करके तगड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।

कुल 3465 वाहन ही कॅमर्शियल
नियमों के मुताबिक, प्राइवेट और कामर्शियल वाहनों का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होता है। इनके परिचालन का नियम भी अलग है। कामर्शियल वाहनों को लेकर काफी सख्त नियम है। आरटीओ निजी वाहनों को कामर्शियल के रूप में चलाने के लिए हर साल फिटनेस चेक कराने के बाद परमिट लेना होता है। कोई कमी रहती है तो परमिट जारी नहीं होता है। इसके लिए शुल्क भी अलग निर्धारित है। हर साल लगने वाला टैक्स बचाने के लिए वाहन स्वामी एक साल तो कॅमर्शियल में रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं लेकिन बाद में उसे प्राइवेट में कन्वर्ट करा लेते हंै। शहर में 15 हजार से अधिक वाहन ऐसे हैं, जो स्कूली बच्चों को ढोते हैं। यह एक आंकड़ा है तो दूसरा पक्ष यह है कि ट्रक, ट्रैक्टर, कार, बाइक मिलाकर कुल 3465 वाहन ही कॅमर्शियल के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

ट्रेवल एजेंसियों के जरिए धंधा
ज्यादातर प्राइवेट वाहनों के मालिक ट्रेवल एजेंसियों से जुड़कर धंधा चला रहे हैं। उनकी गाडिय़ां एजेंसियों के जरिए किराये या ठेके पर चल रही हैं। इसके लिए वह प्राइवेट एजेंसियों को कमीशन भी दे रहे हैं। यह गाडिय़ां प्राइवेट सेक्टर में छोडि़ए, सरकारी व प्राइवेट कंपनियों तक में लगे हुए हंै। परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उडऩ दस्ते की कार्रवाई के दौरान गाड़ी में बैठे लोग एक ही परिवार से होने का हवाला दे देते हैं।

कॅमर्शियल एक्टिविटी में इनवाल्व
स्कूल बच्चों को ले आने-जाने के लिए प्राइवेट बोलेरो, टाटा सुमो, टवेरा और मारुति वैन का सबसे ज्यादा होता है यूज
सिविल लाइंस बस अड्डे के पास सिर्फ खड़ी रहती है पचास से अधिक प्राइवेट टैक्सी
शहर के अंदर सौ से अधिक सिर्फ ओला कैब में यूज हो रही प्राइवेट वाहन
अस्पतालों में प्राइवेट वाहनों को बना दिया गया है एंबुलेंस
जिले के अंदर 70 परसेंट अनफिट दौड़ रही कामर्शियल वाहन, जिसमें प्राइवेट बस तक है शामिल

इस नंबर पर दे सकते हैं सूचना 8004922836

नियम का उल्लघंन करने वाले वाहन मालिकों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। वाहन रजिस्ट्रेशन की शर्तों का उल्लंघन 66/192 (ए) के तहत वाहन को जब्त कर कोर्ट में पेश भी किया जा सकता है। कोर्ट द्वारा उस वाहन के मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा।
राजीव चतुर्वेदी एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive