आइए, जाइए स्टेशन है आपका
प्रयागराज ब्यूरो । यागराज। आइए, जाइए स्टेशन है आपका। न कोई पूछने वाला, न कोई टोकने वाला, न कोई जांच करने वाला। प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन और फाफामऊ जंक्शन पर कोई बॉडी लेकर चला जाए। ट्रेन से कोई सूटकेस में बॉडी लेकर चला आए। कोई विस्फोटक सामान इधर इधर रख दे। मगर इसकी चिंता किसी को नहीं। तीनों रेलवे जंक्शन पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था भगवान के भरोसे है। और शायद यही कारण है कि हिमांशु अपनी मां प्रतिभा की गला दबाकर हत्या करने के बाद उसकी बॉडी ट्राली बैग में रखकर ट्रेन से सफर करता हुआ प्रयागराज पहुंच गया। वो भी ट्रेन से। इसके बाद भी उसकी धरपकड़ नहीं हुई। ऐसे में शनिवार को आईनेक्स्ट ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन और फाफामऊ जंक्शन पर जांच को लेकर सुरक्षा व्यवस्था का रियलटी चेक किया, मगर पूरी सुरक्षा व्यवस्था ढाक के तीन पात मिली। तीनों जंक्शन पर इंट्री और निकास पर कोई पड़ताल करने वाला नहीं मिला। बस प्रयागराज जंक्शन पर सिटी साइड एक प्रवेश द्वार स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगा मिला। ऐसे में रेलवे की सुरक्षा कितनी चुस्त दुरुस्त है। इसे आसानी से समझा जा सकता है।
सिविल लाइंस साइड कोई नहीं पूछने वाला- फोटोप्रयागराज जंक्शन। चौबीस घंटे में दो सौ से ज्यादा गाडिय़ों का संचालन इस जंक्शन से होता है। इसके बाद भी सुरक्षा के नाम पर जितनी ढिलाई हो सकती है उतनी की जा रही है। हैरत है कि हिमांशु का मामला खुलने के बाद दूसरे दिन शनिवार को भी सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं की गई। खैर, प्रयागराज जंक्शन पर सिविल लाइंस साइड और सिटी साइड से आने जाने के कई रास्ते हैं। सिविल लाइंस साइड प्लेटफार्म एक से पांच तक जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज बना है। इसके अलावा दूसरा फुट ओवर ब्रिज भी है। जिससे प्लेटफार्म चार, पांच, सात, आठ, नौ और दस पर जाया जा सकता है। सिविल लाइंस साइड से इन दोनों इंट्री प्वाइंट न कोई सिपाही तैनात रहता है और न ही कोई मशीन जांच के लिए लगी है।
सिटी साइड भी भगवान भरोसे- फोटो
अब चलते हैं प्रयागराज जंक्शन के सिटी साइड। यहां पर एक इंट्री फुट ओवर ब्रिज से है। इस फुट ओवर ब्रिज के इंट्री प्वाइंट पर न कोई सिपाही रहता है और न ही कोई जांच मशीन। हां, प्लेटफार्म एक पर इंट्री के लिए सिटी के फ्रंट साइड पर एक स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगा है। मगर स्कैनर पर जिस यात्री का मन होता है वो अपना सामान रखता है, जिस यात्री का मन होता है वो अपना सामान नहीं रखता है। स्कैनर के बगल ही मेटल डिटेक्टर लगा है। बाकी प्रयागराज जंक्शन पर इंट्री के किसी भी प्वाइंट पर जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रयाग जंक्शन पर भी सुरक्षा में लापरवाही को लेकर कोई कमी नहीं है। प्रयाग जंक्शन पर इस समय इंट्री के लिए दो फुट ओवर ब्रिज हैं। जिनसे प्लेटफार्म दो और तीन पर जाया जा सकता है। जबकि प्लेटफार्म एक पर जाने के लिए सीधे इंट्री है। मगर तीनों ही इंट्री प्वाइंट पर जांच, पड़ताल की कोई व्यवस्था नहीं है। यही हाल फाफामऊ जंक्शन का है। फाफमऊ जंक्शन पर केवल तीन प्लेटफार्म हैं। प्लेटफार्म एक, दो और तीन। प्लेटफार्म एक से इंट्री होती है। लेकिन सुरक्षा के नाम पर एक सिपाही भी इंट्री प्वाइंट पर नहीं होता है।
ये है घटना
हिसार के विकास नगर कालोनी में किराए पर रहने वाली प्रतिभा की उसके बेटे हिमांशु ने गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद हिमांशु ने अपनी मां की बॉडी एक ट्राली बैग में रखा। हिमांशु ट्राली बैग लेकर ट्रेन से रेवाड़ी स्टेशन पहुंचा। इसके बाद वहां से वह दूसरी ट्रेन से गाजियाबाद जंक्शन पहुंचा। वहां से ट्रेन से वह प्रयागराज जंक्शन पहुंचा। यानि हिमांशु ने तीन स्टेशन पर ट्रेन पकड़ी। जाहिर सी बात है कि वह स्टेशन पर ट्राली बैग लेकर पैदल ही चला होगा। मगर किसी भी जंक्शन पर चेकिंग नहीं होने से वह ट्राली बैग में अपनी मां की बॉडी लेकर प्रयागराज जंक्शन पहुंच गया। हैरत है कि प्रयागराज जंक्शन पर भी जांच पड़ताल नहीं होने से हिमांशु ट्राली बैग लेकर आराम से बाहर निकल गया। इसके बाद उसने संगम जाने के लिए ई रिक्शा किराए पर तय किया। उस पर ट्राली बैग रखा और संगम किनारे पहुंच गया। ये तो गनीमत है कि दारागंज पुलिस मुस्तैद रही। जिसने रात में गश्त के दौरान शक होने पर हिमांशु को पूछताछ के लिए रोक लिया और इसके बाद सारी कहानी सामने आ गई। पुलिस के मुताबिक पांच हजार रुपये नहीं देने पर हिमांशु ने अपनी मां प्रतिभा की हत्या की थी।
हैरत है। हिमांशु का कारनामा शनिवार को मीडिया की सुर्खियां बना। वह हिसार से अपनी मां की बॉडी ट्राली बैग में ट्रेन से लेकर प्रयागराज जंक्शन पहुंच गया।
मामले का खुलासा हो गया। मगर इसके बाद भी शनिवार को केवल कहने के लिए ही सही सुरक्षा व्यवस्था में कोई चुस्ती नहीं दिखाई दी।
न ही किसी अफसर ने प्रयागराज जंक्शन पर सुरक्षा को लेकर मातहतों से पूछताछ की। जबकि प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी दोनों के पास पर्याप्त सुरक्षा कर्मी हैं। इसके बाद भी लापरवाही जारी है।