हैक्टिक लाइफ स्टाइल के बीच सोशल मीडिया टाइम स्पेंड करने का बड़ा प्लेटफॉर्म उभरकर सामने आया है. यहां हर कोई ज्यादा से ज्यादा पापुलरिटी गेन करने की कोशिश में लगा है. पुरुष हो या महिला सबकी इसमें दिलचस्पी है. इससे तमाम लोगों की हेल्प हो जाती है यह इस प्लेटफॉर्म का प्लस प्वाइंट है तो कुछ इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए भी कर रहे हैं. यह इसका माइनस प्वाइंट है. महिलाओं व युवतियों के साथ साइबर बुलिंग का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. साइबर बुलिंग की शिकार एक दो नहीं जिले की सैकड़ों महिलाएं व युवतियां हो चुकी हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पिछले माह गोविंदपुर की एक छात्रा साइबर बुलिंग की शिकार हुई। वैसे तो वह मीरजापुर की है, मगर यहां किराए पर रहकर पढ़ाई करती है। दूर का एक रिश्तेदार उससे इकतरफा प्रेम करने लगा। उसके प्रपोज को वह इग्नोर कर दी। इसके बाद वह फेसबुक पर एक फेक आईडी बनाया। जिसमें वह खुद को उसी की कोचिंग का स्टूडेंट बताकर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजा। सहपाठी होने के नाते छात्रा उसके रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर ली। चूंकि सिरफिरा मजनू उसका दूर का रिश्तेदार था। लिहाजा उसके घर परिवार के बारे में अच्छी तरह से जानता था। धीरे-धीरे वह चैट के जरिए उसके घर की हिस्ट्री बताने लगा। यह देख छात्रा को लगा कि वह आस पड़ोस का ही होगा। इसलिए वह भाव देने लगी।

निकला रिश्तेदार तो करना पड़ा क्षमा

कुछ दिन बाद छात्रा से वाट्सएप नंबर लिया और कॉल पर बातें करने लगा। फिर अश्लील मैसेज व फोटो उसके वाट्सएप पर भेजना शुरू कर दिया। उसकी फोटो एडिट करके घर व रिश्तेदारों को भेजकर बदनाम करने की धमकी देते हुए ब्लैकमेल करने लगा। छात्रा हिम्मत कर शिकायत पुलिस से की तो जांच पर पोल खुल गई। मालूम चला कि दरअसल यह सब करने वाला कोई छात्र नहीं उसका दूर का रिश्तेदार ही है। बात रिश्तेदारी की आई तो मामले में परिवार को समझौता करना पड़ा।

वीडियो कॉलिंग करें तो रहें सावधान

साइबर बुलिंग की शिकार सुलेमसराय की एक महिला भी हुई। महिला एक कॉल सेंटर में काम करती है। मोहल्ले का एक युवक उसका मोबाइल नंबर कहीं से पा गया। वह खुद को सरकारी इंप्लाई बताकर बातें करने लगा। महिला ने कुछ दिन तक उसकी कॉल को इग्नोर किया। इसके बाद भी उसने बात करना बंद नहीं किया। इससे लेडी झांसे में आ गयी और बातें करने लगी। प्रगाढ़ता आयी तो वीडियो कॉलिंग शुरू हो गयी। साइबर थाने में महिला द्वारा की गई शिकायत में बताया गया कि युवक ने उससे बाथरूम में नहाते हुए कॉल करने का रिक्वेस्ट किया था। उसने ऐसा किया तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग करके उसने अश्लील क्लिप बना ली। उसे वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा। महिला से रुपये भी मंगवा चुका था। महिला हैरान थी कि वह उसने किसी को घर में आने नहीं दिया तो वीडियो कैसे बन गया। जांच बाद साइबर थाने के एक्सपर्ट ने महिला को को असलियत बताई तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गयी। पुलिस उसे पकड़ कर लाई तो मालूम चला कि वह सरकारी कर्मचारी नहीं मोहल्ले का ही तिपहिया वाहन चालक है। बाद में युवक के परिवार वालों ने क्षमा याचना करके किसी तरह युवक को जेल जाने से बचा लिया। महिलाओं के साथ साइबर बुलिंग की यह घटनाएं तो महज एक बानगी मात्र है। ऐसी कई महिलाएं व युवतियां हैं जिनके साथ इस तरह की घटनाएं हुई हैं। लोकलाज के डर से ज्यादातर कार्रवाई के बजाय समझौते पर जाकर रुक गईं।

कैसे काम करते हैं शातिर

सिविल व साइबर थाने में जनवरी से अब तक 100 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं। शातिरों का पहला तरीका यह है कि वे किसी भी महिला या छात्रा का सोशल मीडिया पर फेक पेज बनाते हैं खुद की पोजीशन हाईप्रोफाइल शो करके वह महिलाओं व युवतियों को फ्रेंडशिप के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं फिर मैसेज भेज कर बताते हैं कि आज घर से कौन सा कपड़ा पहन कर निकली। कितनी देर में घर आई, भाई कब गया, पिता क्या करते हैं जैसी बातें बताते हैं ताकि डर पैदा कर सकें झांसे में आ जाने के बाद वे ब्लैकमेल करने का गेम शुरू करते हैं दूसरा तरीका मैरिज साइड से डिटेल लेना होगा है। ये दो तरह से परेशान करते हैं साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि शादी डॉट कॉम पर ऐसे शातिर अपनी फर्जी हाईप्रोफाइल आईडी बनाकर स्मार्ट युवकों की फोटो लगा देते हैं फोटो मैच करवाकर बातें शुरू करते हैं। दो तीन माह बाद चैट करके महिला व युवती की तमाम गोपनीय बातें बताकर ब्लैकमेल करते हैं दूसरा तरीका खुद को एनआरआई बताकर महिलाओं युवतियों को महंगे गिफ्ट आदि भेजकर इंप्रेस करते हैं बताते हैं कि बार्डर पर गिफ्ट फंसा है छुड़ाने के लिए भारतीय 30 या 40 हजार रुपये चाहिए होंगे भेजो तो लाख से डेढ़ लाख का गिफ्ट तुम तक पहुंच जाय। रुपये भेजने वाली महिला या युवती को गिफ्ट तो नहीं मिलता पर रुपये चले जाते हैं, ऐसी शिकायतों का भी ढेर साइबर थाने में हैं खुराफाती किस्म के लोग उन लोगों की फोटो और डिटेल फेसबुक से चुरा लेते हैं जिनकी आईडी पर टू-स्टेप सिक्योरिटी नहीं होती यह चोरी ये शातिर सिर्फ महिला या युवती ही नहीं पुरुषों के साथ करते हैं। इसके बाद चुराई गई फोटो डीपी पर लगाकर आईडी बना लेते हैं इस फेक आईडी से उसी के मित्रों को रिक्वेस्ट भेजते हैं जिसकी फोटो व डिटेल चुराकर फेक आईडी बनाए होते हैं फोटो व पता आदि सही देखकर लोग रिक्वेस्ट स्वीकार करने वालों को शातिर किसी को बीमार व एक्सीडेंट आदि बताकर रुपये इमरजेंसी में रुपये मंगवा लेते हैं कभी-कभी नंबर कहीं से पाकर भी ऐसे अराजकतत्वों द्वारा कॉल करके भी परेशान करने की की शिकायतें पुलिस व साइबर थाना और सेल तक पहुंची हैं

ऐसे बचें साइबर बुलिंग से आप

महिलाएं या युवतियों को परेशान होने के बजाय हिम्मत से आवाज उठानी चाहिए। शिकार होने पर सीधे आप नजदीकी थाना या साइबर सेल पहुंचे। हर जगह मिशन शक्ति के तहत महिला हेल्प डेस्क स्थापित है। यहां महिला पुलिसकर्मी ही मिलेंगी। जिनसे खुलकर अपनी समस्या बताएं। इस हेल्प डेस्क की महिला पुलिस कर्मचारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दें। इसके बाद पुलिस परेशान करने वालों से खुद निपट लेगी। महिला थाने में भी इसकी शिकायत की जा सकती है।

साइबर बुलिंग की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। परेशान करने वाला शख्स अक्सर रिश्तेदार या पड़ोसी अथवा जान पहचान का ही होता है। ऐसे में परिवारों के जरिए समझौते कर लिए जाते हैं।

राजीव तिवारी इंस्पेक्टर साइबर थाना

Posted By: Inextlive