सेहत को बेरंग बना सकती है कलरफुल मिठाई
प्रयागराज (बयूरो)। देखा जाए तो त्योहारों पर कलरफुल मिठाई देखकर मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन यह कलर केमिकल से बनता है। इनको खाने में यूज किया जाता है लेकिन यह पूरी तरह सिंथेटिक होते हैं। इनकी अधिक मात्रा खाने में यूज करने से लीवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। लंबे समय तक ऐसी मिठाइयों का सेवन करने से कैंसर की शिकायत भी हो सकती है। यही कारण है कि ऐसी मिठाइयों को लेने से पहले उनके कलर को देखा जाता है। अगर यह मिठाई से छूटकर हाथ पर लग जाएं तो समझ लें कि मामला गड़बड़ है। मिठाई पर कलर की 100 पीपीएम से अधिक मात्रा यूज नही की जाती है।
चांदी का वर्क है या एल्युमिनियम
इसके अलावा फेस्टिवल सीजन में चांदी के वर्क वाली मिठाइयों को खरीदने का बहुत अधिक चलन होता है। ये देखने में अच्छी लगती है और लोग इन्हे पसंद भी करते हैं। लेकिन यह देखने में आ रहा है कि अधिक मुनाफे के लिए दुकानदार चांदी की जगह एल्युमीनियम का वर्क यूज करते हैं। यह सस्ता पउ़ता और चांदी के वर्क जैसा दिखता है। आपको बता दें कि पूर्व काल से चांदी के भस्म को औषधि के रूप में यूज किया जाता रहा है और इसी कारण मिठाई में इसका यूज होता है लेकिन अब दुकानदार एलुमिनियम का वर्क धोखे से लगाकर बेच देते हैं।
ऐसे हो जाएगी पहचान
1. मिठाई पर चढ़ी चांदी के वर्क में एल्युीनियिम धातु की मिलावट हो सकती है, जो सेहत के लिए अच्छी नहीं होती।
2. इसकी जांच के लिए चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही वजन की छोटी-सी गेंद जैसी हो जाएगी। लेकिन मिलावटी वर्क को जलाने से वह स्लेटी रंग का जला हुआ कागज बन जाएगा।
3. इसके अलावा चांदी का वर्क उंगली से रगडऩे पर पूरी तरह से गायब हो जाएगा। इसका यूज करने से आंतों में घाव हो सकता है साथ ही शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।
4. वहीं छेना को चमकदार बनाने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड का प्रयोग किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
फेस्टिव सीजन में लोगों को स्मार्ट नेस दिखानी होगी। मिठाई खरीदते समय क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। सस्ते के चक्कर में मिलावटी मिठाई सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। अधिक चटख रंग वाली मिठाई से बचना जरूरी है। हमारी ओर से इसके खिलाफ अभियान शुरू होने जा रहा है।
केके त्रिपाठी, चीफ फूड सेफ्टी आफिसर, खाद्य सुरक्षा विभाग प्रयागराज