यूनिवर्सिटी तय करेगी कालेजों की फीस व टीचर्स का मानदेय
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक कालेजों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज की फीस है अलग-अलग
टीचर्स के मानदेय में भी है बड़ा अंतर, निश्चित मानदेय पर बनी सहमति ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जुड़े संघटक कालेजों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्सो में उसकी फीस और शिक्षकों को दिए जाने वाले मानदेय को एक समान करने की कवायद शुरू हो गई है। कोर्सो के जरिए कालेजों की मनमानी फीस पर लगाम लगाने और शिक्षा की गुणवत्ता को कायम करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर से उसकी जांच कराएगा। यह सहमति मंगलवार को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की विधि विभाग में हुई बैठक में बनी। सूत्रों की मानें तो नए एकेडमिक सेशन से कालेजों के सेल्फ फाइनेंस कोर्सो में एक समान फीस और शिक्षकों को भी एक समान मानदेय देने की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। हाई पावर कमेटी खोजेगी ईसीसी का समाधानकाउंसिल की बैठक में पिछले दो महीनों से यूइंग क्रिश्चियन कालेज में शिक्षकों के उत्पीड़न को लेकर विस्तार से मंथन किया गया। सदस्यों ने बताया कि कालेज की स्वायत्तता वर्तमान में अवैधानिक है क्योंकि इस संबंध में ना तो यूजीसी से इसकी स्वीकृति प्राप्त है और ना ही विश्वविद्यालय की ओर से प्रावधानों व नियमों के अन्तर्गत कोई प्रस्ताव अग्रसारित किया गया है। सदस्यों ने कालेज में उप प्रधानाचार्य की नियुक्ति को भी एक सिरे से नकार दिया। यही वजह रही कि काउंसिल के सदस्यों ने एक मत होकर कुलपति प्रो। आरएल हांगलू से एक हाई पावर कमेटी गठित करके कालेज के वित्तीय, प्रशासनिक व अकादमिक गतिविधियों की जांच करने की मांग की।
कालेज की स्वायत्तता की होगी समीक्षा हाई पावर कमेटी के साथ ही कालेज के अल्पसंख्यक स्वायत्तता को लेकर भी काउंसिल के सदस्यों ने विचार विमर्श किया। सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुसंशा करके विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नियमों के आलोक में कालेज के अल्पसंख्यक स्वायत्तता की पुर्न समीक्षा करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है। उप प्रधानाचार्य की नियुक्ति नियम विरुद्ध ईसीसी में शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर भी चर्चा की गई। सदस्यों ने स्पष्ट किया कि कालेज में उप प्रधानाचार्य पद पर डॉ। मर विन मैसी को जबरन नियुक्त कर दिया गया है। जबकि इस पद का विश्वविद्यालय अध्यादेश में कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे कृत्यों से लगातार विश्वविद्यालय की गरिमा धूमल हो रही है। प्रो। अनुपम एनओसी के लिए अधिकृतएकेडमिक काउंसिल की बैठक में एमपीएड कोर्स में प्रवेश के लिए गठित समिति के चेयरमैन प्रो। अनुपम दीक्षित को एनसीटीई से अनापत्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया है। एनसीटीई से अनापत्ति प्राप्त करने के बाद ही एमपी एड में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
2018 के रेगुलेशन से होगी भर्ती काउंसिल की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की शिक्षक भर्ती को लेकर भी मंथन किया गया। सूत्रों की मानें तो इस बात पर सहमति बनी है कि आगे से होने वाली शिक्षक भर्ती में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 2018 के रेगुलेशन के अनुसार प्रक्रिया कराई जाएगी।