कोडवर्ड में बिक रहा 'मौत का मांझा
प्रयागराज (ब्यूरो)। रविवार को नए यमुना पुल पर चाइनीज मांझे की चपेट में आने से पति-पति का गला कट गया था। घटना में मोहम्मद अफरोज की मौत हो गयी थी। सोमवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने शुरुआत तो मांझा की बिक्री के स्टिंग से किया था लेकिन सुराग मिलते चले गये तो इसका दायरा बढ़ा दिया गया। रिपोर्टर सिटी के करेली डी ब्लाक, अकबरपुर, अटाला, रामबाग, मु_ीगंज और मलाकराज तक पहुंच गया। यहां मौत का सामान बेचते व गालियों में खुलेआम मांझे पर धार चढ़ाते हुए कारीगर दिख गये। दुकानदार चोरी-छिपे के साथ कोडवर्ड बताने पर चाइनीज मांझा से भी अधिक खतरनाक चौबारा और एसिड नाम का मांझा उपलब्ध कराते दिखे। मांझा की धार ब्लेड से भी तेज होने का दावा इसकी बिक्री से जुड़े दुकानदारों ने किया। खरीदने से पहले इसका ट्रायल तक दिखाया जा रहा है।
केस 01 अकबरपुर की गलियों में मांझा बनाने वालों से बातचीत
रिपोर्टर- पतंग वाला मांझा मिलेगा, प्लास्टिक वाला?
मांझा बनाने वाला- वो तो बैन है?
रिपोर्टर- कहां मिल सकता है, थोक के भाव लेना है 15, 20?
मांझा बनाने वाला- जितने भी ले लो उसका तो खेल खत्म है। हमारे पास डिमांड है हम नहीं बेच पा रहे। जिनके पास पुराना माल है वही बेच रहे हैं। खाली मांझा नहीं मिलेगा, यहां मुश्किल है।
रिपोर्टर- थोक के भाव मांगेंगे तो भी नहीं दे पाएंगे?
मांझा बनाने वाला- चाइनीज बोलकर खरीदेंगे तो नहीं मिलेगा कोडवर्ड में दुकान पर मिल जाएगा चौबारा-एसिड
रिपोर्टर - कहां मिलेगा
मांझा बनाने वाला - यहां सिर्फ बनाया जाता है। आप अटाला, मलाकराज, करेली डी ब्लाक के पास कई दुकानें है वहां चले जाए,
रिपोर्टर - मिल तो जायेगा न
मांझा बनाने वाला - ऑर्डर पर मिलेगा। क्योंकि दस से पंद्रह दिन लगते हैं धार वाला मांझा तैयार करने में। अभी आप जो देख रहे हैं, उसे आर्डर पर ही तैयार किया जा रहा है।
केस 02 (अटाला चौराहा के पास पतंग बेचने वाला एक दुकानदार)
रिपोर्टर- मांझा है, हमें प्लास्टिक वाला चाहिए?
दुकानदार- प्लास्टिक तो नहीं है मगर उससे कम भी नहीं है। धार इतना है कि पंतग काटते-काटते थक जायेंगे। चाइनीज से कम होगा। आप एसिड या फिर चौबारा ले लीजिए सबका बाप है
रिपोर्टर - नाम पहली बार सुन रहा हूं
दुकानदार - पंद्रह से बीस दिन लगता है बनने में फौरन नहीं मिल पाता है। चाहिए तो एडवांस में बुकिंग करानी होगी.उसके लिए एडवांस पहले तक मिल पाएगा
रिपोर्टर - कहीं बेकार न साबित हो
दुकानदार - बेकार होगा तो पैसा वापस, एक छोटा सा धागा निकाला और कहां देखें इस टाइप का होगा इससे प्लस ही समझें। रिपोर्टर - छूने पर धागा ब्लेड से भी तेज धार है
दुकानदार - हल्की लकड़ी तक कट जायेगी।
रिपोर्टर- हमें 10-12 चाहिए।
मांझा बनाने वाला- कहां बेचना है?
रिपोर्टर- प्रतापगढ़ ले जाना है। 10,12 मंगा दो, नहीं तौ सैंपल मंगा दो। बहुत खोजा नहीं मिला। किसी ने बताया डी ब्लाक मिलेगा।
मांझा- 1 घंटे में सैंपल दिखा देंगे, सैंपल पसंद आएगा तो मंगवा देंगे।
रिपोर्टर- अभी मंगवा दो।
मांझा बनाने वाला - रेट तो समझ लो, एक रील 350 की पड़ेगी और एक बड़ी लटाई 3900, समझ आए तो बोलो
रिपोर्टर - दिखा तो दो समझ आएगा तब तो लूंगा
मांझा बनाने वाला - एक पीस बेचा ही है। चाइनीज भूल जाओगे
केस 04 मलाकराज चौराहा के पास एक दुकानदार से बातचीत
रिपोर्टर - चाइनीज मांझा चाहिए
दुकानदार - चौक कर क्या मांग रहे आप ये नहीं मिलता है प्रतिबंध है
रिपोर्टर - पेंज लडऩा है
दुकानदार - छत पर या मैदान में
रिपोर्टर - मैदान में लड़ाना है
दुकानदार - इसका मतलब पुराने खिलाड़ी हो
रिपोर्टर - दस साल की उम्र से पतंग उड़ा रहा हूं
दुकानदार - क्यों झूठ बोल रहे है
रिपोर्टर - सच बोल रहे है
दुकानदार - अगर सच बोल रहे होते तो चाइनीज नाम से नहीं मांगते आप, कोडवर्ड से मांगते
रिपोर्टर - सलमान भाई ने भेजा है कोई कोडवर्ड का नाम नहीं बताए
दुकानदार - कौन सलाम भाई कोडवर्ड के बिना नहीं मिल पाएगा।
15 से बीस दिन में तैयार होता है चाइनीज मांझा से अधिक धार वाला मांझा
07 दिनों तक पहले धागे को पानी में भिगोकर रखा पड़ता है
04 बार व उससे अधिक बार धागे में सीसा व वजरम नामक औद्योगिक गोंद लगाना पड़ता है।
01 बार जिरकोनिया ऑक्साइड का प्रयोग होता है और अन्य चीज मिक्स होने पर तेज धार वाला मांझा तैयार होता है।
मांझे से हुई घटना का डाटा
17 लोग चाइनीज मांझे से एक साल के भीतर हो चके है घायल
03 लोगों की एक साल के भीतर ऑन द स्पाट हुई है मौत
01 व्यक्ति की इलाज के दौरान हुई है मौत
06 दुकानें पर एक साल के भीतर हो चुकी है कार्रवाई
11 दुकानें सिर्फ सिटी के अंदर खतरनाक मांझा चोरी-छिपे बेचने में है फेमस
02 से तीन लोग अकबरपुर करेली की गालियों में मांझा बनाने का करते है काम
08 लोग हर महीने धार वाला मांझा बनाते वक्त कटते है हाथ व उंगली
सत्येंद्र तिवारी, सीओ