डीजल से दो कदम दूर सीएनजी, च्वाइस घटी
प्रयागराज (ब्यूरो)। तमाम सीएनजी इस्तेमाल करने वाले लोग बताते है कि पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए सरकार सीएनजी वाहनों को अधिक तवज्जो दे रही है। शुरुआत में सीएनजी सस्ती होने से लोगों में इसके प्रति क्रेज था। लेकिन अब लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि पेट्रेाल व डीजल की तरफ बढ़ रहे सीएनजी का रेट चिंताजनक है। पेट्रोल की कीमत भी कुछ दिन पहले सौ रुपये के पास पहुंच गई थी, लेकिन अभी पेट्रेाल 96.65 प्रति लीटर है। पहले सीएनजी और डीजल-पेट्रोल के दामों में काफी अंतर होने की वजह से लोग सीएनजी वाहन लेने में दिलचस्पी रखते थे। अगर ऐसा रहा है तो आने वाले दिनों सीएनजी वाहन की डिमांड कम हो जाएगी।
पेट्रोल और डीजल की कीमत में रहा उतार-चढ़ाव
पेट्रोल और डीजल की कीमत में अप्रैल के बाद से उतार चढ़ाव जारी रहा। चार माह में छह बार पेट्रोल के दाम बढ़े और घटे। यही हाल डीजल में भी रहा। अप्रैल के पहले सप्ताह में पेट्रेाल की कीमत 102.53 रुपए प्रति लीटर थी, जो 22 मई से स्थिर है। अभी पेट्रोल 96.65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.85 रुपए प्रति लीटर रहा। एवरेज की बात करें तो आठ से दस किलोमीटर सीएनजी का एक्स्ट्रा होता है। मगर सीएनजी वाहन की कॉस्टिंग अधिक है।
सीएनजी (प्रति किलो) - डीजल (प्रति लीटर) - पेट्रेाल (प्रति लीटर)
एक जनवरी 75.10 रुपए - दो अप्रैल 94.11 रुपए - दो अप्रैल 102.53 रुपए
20 फरवरी 75.40 रुपए - तीन अप्रैल 94.91 रुपए - पेट्रोल तीन अप्रैल 103.33 रुपए
एक अप्रैल 82 रुपए - चार अप्रैल 95.31 रुपए - चार अप्रैल 103.73 रुपए
21 अप्रैल 84 रुपए - छह अप्रैल 96.92 रुपए - छह अप्रैल 105.33 रुपए
23 जून 85.50 रुपए - 22 मई 89.85 रुपए - 22 मई 96.65 रुपए
दो जुलाई 87 रुपए - नो प्रोग्रेस - नो प्रोग्रेस
अब 87.50 रुपए पहुंचा सीएनजी सीएनजी दामों में वृद्धि लगातार जारी है। अभी तक लोग समझ रहे थे कि सीएनजी, पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी सस्ती है लेकिन धीरे-धीरे रेट नजदीक पहुंच चुका है।
ऋतिक द्विवेदी सीएनजी वाहनों का एवरेज पेट्रोल और डीजल के मुकाबले अधिक होता है। लेकिन लोकल में यह एवरेज समझ नहीं आता है। अगर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो एक्स्ट्रा पैसा खर्च कर कोई क्यों सीएनजी लेगा।
विष्णु जैन
सीएनजी से वाहन को चलाने पर इंजन पर जोर भी बढ़ता है। जो वाहन की लाइफ दो लाख किलोमीटर होगी वह सीएनजी पर डेढ लाख ही चल पाती है। सर्विस कॉस्टिंग भी अधिक होता है। फिर आदमी क्यों लेगा।
पंकज सिंह