काश! ऐसा हर दिन होता
चकाचक सड़कें, कूड़े का नामोनिशान तक नहीं, हर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस मुस्तैद, नो ट्रैफिक जाम, पूरे दिन पॉवर कट भी नहीं हुई। संडे की मॉर्निग कुछ ऐसा ही नजारा लोगों को देखने को मिला। जी हां, सीएम साहब जो शहर में आने वाले थे। घर से बाहर निकलने वालों को कहीं कोई प्राब्लम फेस नहीं करनी पड़ी। लोगों ने ऐसी व्यवस्था देखी तो बरबस मुंह से निकल पड़ा। काश, ऐसा हर दिन होता तो कितना अच्छा होता।
- सीएम की मौजूदगी में बेहतर रहीं सुविधाएं - नहीं गई बिजली, साफ-सुथरी रहीं सड़कें - आउटर पर जाम लगने से परेशान हुए शहरीALLAHABAD: वाह क्या दिन था। सपा की रैली परेड ग्राउंड पर थी लेकिन हालात शहर के बेहतर थे। लोगों ने बिना किसी प्रॉब्लम के अपना संडे इंज्वॉय किया। बिना पॉवर कट टीवी देखी तो सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रही। गली-मोहल्लों में भी पुलिस के जवान तैनात रहे। कूड़े का ढेर दूर-दूर तक नजर नहीं आया। यही रीजन था कि लोगों के मुंह से निकला कि काश सीएम रोज-रोज आते तो शहर का मिजाज ही कुछ और हो जाता।
सबने देखे अपने फेवरेट शोआमतौर पर संडे के दिन भी सुबह दस से एक बजे तक बिजली कटौती होने से लोग परेशान रहते थे। उनके फेवरेट शो मिस हो जाते थे, जिससे उनका मूड ऑफ हो जाता था। संडे को ऐसा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी की रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और नगर विकास मंत्री आजम खां के साथ खुद सीएम अखिलेश यादव शहर में मौजूद थे। इसके चलते बिजली विभाग ने रूटीन कटौती नहीं की। इतना ही नहीं, दिन भर में आधे से एक घंटे कटने वाली लाइट भी नहीं गई।
कभी देखी हैं ऐसी चमकती सड़कें चाहे वह पीडी टंडन रोड हो या स्टैनली रोड या टीबी सप्रू रोड। शहर के रिहायशी इलाकों की इन सड़कों सहित पुराने शहर की सड़कें भी संडे को साफ-सुथरी नजर आई। इन पर सुबह ही झाड़ू मारकर साफ कर दिया गया था। और तो और, शहर के कई सड़कों पर चूना भी डाला गया था, ताकि कोई मिनिस्टर इधर से गुजरे तो उस पर पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़े। जिन सड़कों से सीएम की फ्लीट गुजरनी थी वहां पैच वर्क कर दिया गया था। तीन पहले से वहां गड्ढे पाटने का काम चालू था। सुबह उठे तो गायब था कूड़ाकुछ लोगों को तो जैसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ कि रात में जहां पर कूड़े का ढेर लगा था वह रातों-रात गायब हो गया। खुल्दाबाद, लृकरगंज, स्टेशन रोड, स्टैनली रोड, महात्मा गांधी रोड के आसपास बने डंपिंग ग्राउंड एकदम क्लीन थे। नगर निगम ने यहां से कचरा हटवाने में देर नहीं लगाई। भाई, मामला एकदम साफ था, शहर में सीएम और उनके पिता दोनों मौजूद थे। ऐसे में अगर उनकी नजर पड़ जाती तो प्रॉब्लम क्रिएट होनी ही थी।
नहीं लगा सड़कों पर जाम इसे संडे इफेक्ट मान लें या सीएम की शहर में मौजूदगी। शहर का शायद ही कोई ऐसा चौराहा था जहां पर ट्रैफिक पुलिस तैनात न रही हो। सभी जगह मुस्तैदी से पुलिस ने अपना काम करते हुए जाम नहीं लगने दिया। रामबाग, चौक, घंटाघर और लूकरगंज जैसे इलाकों में तो ट्रैफिक स्मूदली रन करता रहा। इसके अलावा क्राइम पर लगाम लगाने के लिए चौराहे-चौराहे पुलिस की तैनाती भी की गई थी। बेवजह लोगों को ट्रैफिक पुलिस ने परेशान भी नहीं किया। Outer पर हुई problemशहर के भीतर जहां हालात बेहतर रहे वहीं आउटर पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रैली में शामिल होने के लिए आने वाले वाहनों की वजह से फाफामऊ पर कई घंटे जाम लगा रहा। प्रतापगढ़ और रायबरेली से आने वालों की वजह से यह स्थित पैदा हुई। वहीं मिर्जापुर की ओर से कई वाहनों के आने के चलते पुराने यमुना पुल पर भी जोरदार जाम लगा रहा। दोपहर में तीन बजे के बाद रैली खत्म होने पर लोगों को इससे राहत मिली।