सिटी के अंदर छोटे बड़े मिलाकर हैं करीब 700 नाले हर नाले की तैयार हो रही सूचीनाला चिन्हांकन का काम हो चुका है पूरा कुछ नालों की सफाई हो गई है शुरू

प्रयागराज (ब्यूरो)।मानसून दस्तक दे इसके पहले शहर में नाला सफाई को लेकर कवायद शुरू हो गई है। जिन नालों की सफाई कराई जानी है उनको चिन्हित करने का काम नगर निगम ने पूरा कर लिया है। बारिश के पहले सफाई का काम पूर्ण हो जाय, इसके भी पुख्ता प्लान तैयार किए गए हैं। इस बार ज्यादातर नालों को मशीन लगाकर जल्द से जल्द नाला सफाई का काम कराए जाने की योजना है। नाला सफाई का यह काम जोन और वार्ड वार शुरू होगा। सबसे पहले बड़े फिर छोटे नालों की सफाई का कार्य होगा। काम कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी विभाग ने पूरा कर लिया है। चिन्हित किए गए नालों को बाई नेम व एरिया और मोहल्ले वाइस लिस्टिंग का काम चल रहा है। कौन सा नाला कितना लंबा और चौड़ा है इस बात की भी डिटेल विभाग तैयार करेगा।

सफाई में मशीन का भी होगा प्रयोग
मौसम वैज्ञानिक इस बार चौदह जून से पहले मानसून के आहट का अनुमान लगा रहे हैं। वैज्ञानिकों के इस अनुमान को देखते हुए नगर निगम नाला सफाई को लेकर सतर्क हो गया है। नाला सफाई से पूर्व उन्हें चिन्हित करने का काम किया गया। विभागीय लोग बताते हैं कि कुछ हफ्ते पूर्व नाला के चिन्हांकन का कार्य समाप्त हो चुका है। इनमें करीब 700 नाले शामिल हैं। चिन्हत किए गए इन नालों में 546 एक और 160 के करीब ऐसे नाले अलग हैं जिनके सफाई का काम नगर निगम के द्वारा किया जाएगा। कहा जा रहा है कि सफाई का यह काम जोन और वार्डवार शुरू किया जाएगा। नाला सफाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया विभाग पूर्ण कर चुका है। बारिश के पहले सभी नालों की सफाई हो जाय, इसके लिए अबकी ज्यादा से ज्यादा काम मशीन के जरिए कराए जाने पर जोर दिया जा रहा है। जिस जगह मशीन नहीं पहुंच सकती वहां आदमी लगाकर नालों की सफाई कराए जाने का प्लान है। शहर के कुछ नालों पर सफाई का काम धीरे-धीरे शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि एक हफ्ते में यह काम रफ्तार पकड़ लेगा। सर्वे में चिन्हित किए गए नालों की सूची भी तब तक कम्प्लीट हो जाएगी।

बारिश में डूब जाते हैं कई मोहल्ले
बारिश में नाला सफाई नहीं होने से शहर में गंगा और यमुना किनारे वाले बसे ज्यादातर मोहल्लों में पानी भर जाता है। छोटा और बड़ा बघाड़ा सहित राजापुर एवं धूमनगंज व करेली एरिया के कई ऐसे इलाके हैं जहां बारिश में लोग घर छोडऩे को मजबूर हो जाते हैं। जानकार कहते हैं कि एक तो बारिश का पानी ऊपर से लोगों के घरों का निकला पानी चोक नाले से निकल नहीं पाता। उधर गंगा और यमुना के पानी में भी उफान आ जाता है। यह स्थित दर्जनों मोहल्लों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाती है। नगर निगम के जिम्मेदार कहते हैं बारिश में जल निकासी की व्यवस्था बेहतर हो इस लिए नाला सफाई इस बार काफी पहले शुरू करा दिया गया है।

वर्जन
मानसून आने से पहले सभी नालों की सफाई का काम पूरा कराए जाने की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। सफाई का काम जल्दी पूरा हो इसके लिए मशीन लगाए जाने पर अफसरों के जरिए जोर दिया गया है।
उत्तम कुमार वर्मा, पर्यावरण अभियंता नगर निगम

Posted By: Inextlive