पांच एमबी से कम का साफ्टवेयर डाउनलोड करने से बचें
साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह ह्वाट्सएप पर आने वाले लिंक पर क्लिक करके कोई एप इंस्टाल न करें
बदलते दौर के साथ ही क्राइम भी आनलाइन शिफ्ट हो रहा है। स्पेशली फ्रॉड के मामले। एक के जरिए फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को फॉलो करने के बाद भी पब्लिक धोखा खा रही है। लोन एप के जरिए खाता खाली कर देने का मामला भी सामने आ चुका है और बैंक डिटेल गायब करके खाता खाली कर देने का मामला भी सामने आ चुका है। एयरटेल पेमेंट बैंक के साथ गूगल पे को इंस्टॉल करके फ्रॉड के केसेज प्रयागराज में सामने आ चुके हैं। साइबर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सावधान से ही फॉड के शातिर खेल को नाकाम किया जा सकता है। क्या है एनी डेस्क साफ्टवेयर का रोलयह एक साफ्टवेयर है। इसे मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप कहीं भी डाउनलोड किया जा सकता है। एंड्रायड फोन यूजर इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड होने के बाद यह कहीं भी कभी भी यूज किया जा सकता है। यह साफ्टवेयर के जरिए दो नेटवर्क पर एक साथ काम करने की आजादी मिल जाती है। एनी डेस्ट के जरिए कनेक्ट होने वाले हार्डवेयर का इस्तेमाल कनेक्ट करने वाला व्यक्ति अपने पीसी की तरह यूज कर सकता है। इससे कनेक्ट करने के लिए आईपी और पासवर्ड का यूज होता। यह तभी संभव है जबकि सामने वाला या तो खुद ऐसा करे या फिर चीटींग का इरादा रखने वाले के रीच में सामने वाले का पीसी हो।
कारपोरेट घरानो में बड़े काम का है साफ्टवेयर एनी डेस्क साफ्टवेयर आसानी से उपलब्ध है और यह एंड्रायड मोबाइल पर भी रन करता है। इसका इस्तेमाल बड़े संस्थानों में ज्यादा किया जाता है। इसके जरिए किसी भी संस्थान के हेटक्वार्टर में बैठा व्यक्ति आईपी और पासवर्ड के जरिए दूसरे कम्प्यूटर से कनेक्ट हो जाता है। कनेक्ट होने की परमिशन भी अनिवार्य रूप से देनी होती है। एक बार परमिशन पर ओके कर दिया गया तो पीसी से जुड़ी किसी भी प्राब्लम को सामने वाला डाइग्नोस कर सकता है। उसका साल्यूशन दे सकता है। इसके बाद कोई भी साफ्टवेयर रन और इंस्टॉल कराना बेहद आसान हो जाता है। इसी के चलते बड़े नेटवर्क पर काम करने वाले संस्थान इसका यूज करते हैं। मिसयूज करने वाले भी कम नहींएनी डेस्क का यूज करके पीसी को अपने अनुसार चलाने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले पुलिस प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल चीटिंग के लिए किये जाने का खुलासा कर चुकी है। स्पेशली आनलाइन आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान। पुलिस द्वारा पूर्व में किये जा चुके खुलासे के अनुसार प्रतियोगी के पीसी पर इस साफ्टवेयर को डाउनलोड करके रखा जाता था। परीक्षा शुरू होते ही नकल माफिया एनी डेस्क के जरिए प्रतियोगी छात्र के कम्प्यूटर पर चले जाते थे और पेपर साल्व कर देते थे। खास बात यह है कि सीसीटीवी कैमरे से पीसी की हर मिनट की मॉनिटरिंग नहीं है तो पता भी नहीं लगेगा कि पीसी कहीं और से रन कराया जा रहा है।
साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह कोई भी एप डाउनलोड करके इंस्टॉल करने से पहले जरूर देखें कि उसकी आपको जरूरत है या नहीं जरूरत का एप नहीं है तो उसे अनइंस्टॉल कर दें या डिएक्टिवेट करके रखें सोशल मीडिया या मैसेज पर आने वाले किसी भी लिंक पर सीधे क्लिक न करें लिंक किसी एप को डाउनलोड और इंस्टॉल करने के लिए है तो उसे कापी कर लें और प्लेस्टोर पर जाकर चेक करें ऐसे एप कतई इंस्टाल न करें जो आईपी या पासवार्ड प्रोटेक्टेड न हों प्ले स्टोर पर एप की साइज जरूर चेक करें। पांच एमबी से कम साइज वाले को इंस्टॉल करने से बचेंअपना डिटेल किसी से भी शेयर न करें खास तौर से बैंक से लिंक्ड मोबाइल का नंबर
मोबाइल का डाटा हमेशा आन करके न रखें। जरूरत के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करें इन एप का सावधानी से करें इस्तेमाल टीम व्यूअर एनी डेस्क प्रूफ प्वाइंट मोबाइल एयर ड्राइड रिमोट एक्सेस वॉयस एक्सेस पांच एमबी से कम साइज का कोई भी एप डाउनलोड करने से बचना चाहिए। ह्वाट्सएप पर कोई लिंक एप इंस्टाल करने के लिए आया है तो उसे प्लेट स्टोर पर जाकर वेरीफाई जरूर करें। सक्तेश राय साइबर सेल, प्रयागराज