चुनाव में भारी न पड़ जाए अपनापन
प्रत्याशी के पक्ष में मैसेज और पोस्ट पर लगेगा चार्ज, प्रत्याशी के खर्च में जुड़ेगा
एमसीएमसी कमेटी को दरें निर्धारित करने का दिया गया आदेश ALLAHABAD: अपने प्रत्याशी के पक्ष में सोशल मीडिया पर प्रचार करना भारी पड़ सकता है। यदि मैसेज और पोस्ट करते पकड़े गए तो इसका खर्च भी प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ दिया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिले में बनाई गई एमसीएमसी कमेटी को दरें निर्धारित करने का आदेश दिया गया है। फूलपुर उपचुनाव में सोशल मीडिया में तमाम प्रत्याशियों के पक्ष में चल रही अंधाधुंध पोस्ट पर लगाम लगाने में यह नियम अहम भूमिका निभा सकता है। त्रस्त हैं सोशल मीडिया यूजरचुनाव का सीजन शुरू होते ही सोशल मीडिया यूजर चुनावी पोस्ट्स से त्रस्त हो गए हैं। वाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि पर प्रत्याशी के पक्ष और विपक्ष में लगातार एसएमएस और पोस्ट डाली जा रही हैं। इन पर रोक लगाने के लिए अभी तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया था, लेकिन अब आयोग ने कदम उठा लिया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रचार करना भी आसान नहीं रह जाएगा।
28 को देना होगा पहला खर्चफूलपुर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे 22 प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का पहला ब्यौरा 28 फरवरी को देना होगा। इसके बाद 5 और 8 मार्च को देना होगा। 11 मार्च को मतदान और 14 मार्च को मतगणना होनी है। इस संबंध में शनिवार को संगम सभागार में हुई मीटिंग में व्यय प्रेक्षक समीर टेकरीवाल और सामान्य प्रेक्षक चंचल यादव ने बताया कि समय से चुनावी खर्च की जानकारी नहीं देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैंक खाते से होगा लेनदेन बैठक में सभी प्रत्याशियों और उनके प्रतिनिधियों ने बताया कि बैंक खाता खुलवा लिया गया है और पूरे चुनावी खर्च का लेन देन इसी के जरिए किया जाना है। प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की लिमिट 70 लाख रुपए निर्धारित की गई है। साथ ही नकद लेन देन 20 हजार से अधिक करने की छूट नहीं दी गई है। सभी प्रत्याशियों को चुनावी खर्च ब्यौरे का रजिस्टर बैठक में थमा दिया गया है। बताया गया कि रविवार को सर्किट हाउस में फ्लाइंग स्क्वाड, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और वीडियो निगरानी टीम के बीच बैठक होगी। इसके अलावा प्रत्याशियों और लेखा की मीटिंग का आयोजन दोपहर ढाई बजे किया जाएगा।सोशल मीडिया पर प्रचार का लेखा जोखा भी रखा जाएगा। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन प्रत्याशियों को भारी पड़ेगा। अगर कोई उनके नाम से भी मैसेज या पोस्ट करता है तो इसका खर्च भी प्रत्याशियों के खाते में ही जोड़ा जाएगा।
अवनीश चंद्र द्विवेदी, मुख्य कोषाधिकारी, इलाहाबाद