महिलाएं अधिक नसबंदी कराती हैं लेकिन पुरुष नसबंदी उनके मुकाबले अधिक सेफ है. इसलिए सोसायटी में नसबंदी कराने के लिए पुरुषों को आगे आना चाहिए. पुरुषों को यह संदेश देने के लिए बुधवार को पांच सारथी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर सीएमओ डॉ. नानक सरन और एसीएमओ डॉ. सत्येन राय ने रवाना किया. सारथी वाहन शविवार तक चलने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़े में जनसमुदाय को पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूक करेगी.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सीएमओ ने कहा कि परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं के कंधों पर नहीं रहनी चाहिए। इसलिए परिवार पूरा कर चुके दंपति को नसबंदी सेवा प्रदान की जा रही है। बीते छह वर्ष से प्रदेश में प्रयागराज पुरुष नसबंदी में प्रथम पायदान पर रहा है। पुरुष नसबंदी जन्म दर को रोकने का एक स्थायी, प्रभावी और सुविधाजनक उपाय है। अभियान में पुरुष समुदाय को यह बताया जाएगा की नसबंदी से पुरुष की यौन क्षमता पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता बल्कि पुरुष नसबंदी से वैवाहिक जीवन और सुखमय हो जाता है। परिवार नियोजन विशेषज्ञों की भी राय ली जा रही है व उन्हें लोगों को जागरूक करने की भी जि़म्मेदारी दी गई है.च्च्मिल रहा है सहयोग


नोडल डा। राय ने बताया कि परिवार नियोजन के स्थायी साधनों को अपनाने के लिए पुरुषों का सहयोग मिल रहा है। पखवाड़ा 4 नवंबर तक चलेगा इसके अंतर्गत जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक में 10 पुरुषों की नसबंदी होना तय हुआ है। 28 नवंबर को कुल सात पुरुषों की व 29 नवंबर को 10 पुरुषों की नसबंदी की गई है। बताया कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत आसान है। यह एक मामूली सी शल्य क्रिया है। छह साल के आंकड़े

पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान वर्ष 2016 में 52, 2017 में 85 व 2018 में 84 पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। वर्ष 2019 में 85 लोगों ने ही नसंबदी कराई। वर्ष 2020 में 113 लोगों ने नसबंदी कराई थी। 2021 में 62 लोगों ने नसबंदी कराई थी।

Posted By: Inextlive