मनाइए यह दीवाली संस्कारों वाली
प्रयागराज (ब्यूरो)। नवाब युसुफ रोड बीएसएनएल एक्सचेंज के पास लगे दीवाली मेले में एनजीओ और स्वयं सहायता समूहों को मौका दिया गया है। इनके द्वारा लगाए गए स्टाल किसी का भी ध्यान अपनी ओर खीच सकते हैं। खासकर पगड़ी वाले गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाएं अलग ही पहचान बना रही हैं। इनकी कीमत चार सौ रुपए से शुरू है। मुकुट वाले गणेश-लक्ष्मी भी मिल जाएंगे। आकर्षण के तौर पर कोलकाता की मिट्टी और राजस्थानी स्टोन से बने लक्ष्मी-गणेश आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इनकी कीमत दस हजार रुपए निर्धारित की गई है। शॉप कीपर सांवरा कहती हैं कि प्रतिमाओं को बनाने में दस से पंद्रह दिन का समय लगता है और इनमें महंगे स्टोन लगाने के साथ नक्काशी की जाती है। इसकी वजह से प्रतिमाओं की कीमत बढ़ जाती है।
मिट््टी के गहने पहनकर करिए पूजा
आमतौर पर लोग दीवाली पूजा में सोने चांदी और हीरे के गहने पहनते हैं। लेकिन रिवाजों के अनुसार मिट्टी के आभूषण भी पहनना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि मेले में मिट्टी की बनी चूडिय़ां, ईयर रिंग, क्लिप आदि मिल जाएंगे। इनकी कीमत भी अधिक नही हैं। लेकिन देखने में यह मेटल के लगते हैं। जिससे प्रदूषण और कचरे को बढ़ावा न मिल सके। स्टोन और नक्काशी से सजे मिट्टी के शंख और दूसरे उत्पाद भी लोगों की पसंद बन सकते हैं। हालांकि यह भी देखने में मिट्टी के नही लगते हैं। इनको बड़ी सहजता से तराशा गया है।तेल के साथ दिए भी हो जाएंगे स्वाहास्टालों पर आपको खालिस गोबर से बने दीपक भी मिल जाएंगे। इनमें मिट्टी की मिलावट नही की गई। शॉप कीपर मोनी कहती हैं कि दीपक में आप तेल डालकर जलाते हैं तो अंत में यह भी जल जाते हैं। जिससे पाल्यूशन नही फैलता है। वहीं मिट्टी के दीपक भी मेले में उपलब्ध हैं। इनको रंगों से खूब सजाया गया है। यह देखने में काफी सुंदर प्रतीत होते हैं और इनकी कीमत भी दस से बीस रुपए प्रति पीस रखी गई है। स्टालों पर गोबर से बने लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं भी मिल जाएंगी। इनको रंगों और रंगीन पत्थरों से सजाया गया है। हैंगर लक्ष्मी-गणेश की भी कई वैरायटी मार्केट में अवेलेबल है।अन्य घरेलू उत्पादों के विकल्प भी मौजूद
मेले में एक हजार से अधिक कैंडल और एलईडी की वैरायटी मिल जाएगी। इसके साथ ही भगवान के सुंदर वस्त्र, सजावट के सामान, अचार, मुरब्बा आदि भी मिल जाएंगे। भगवान के वस्त्र की कीमत 50 से 100 रुपए प्रति पीस हैं तो अचार की कीमत 300 से 400 रुपए प्रति किलो रखी गई है। शॉप कीपर खुद इनकी शुद्धता की गारंटी दे रहे हैं। उनका कहना है कि मसालों का फ्लेवर और दाल की खटाई का टेस्ट आपको बाजार में उत्पादों में कही नही मिलेगा। लहसुन, करेला, आम, सूरन, सिंघाड़ा, नीबू के अचार की डिमांड इस सीजन में अधिक होती है। छह अलग-अलग रंगों में जलने वाला एलईडी बल्ब 1ृ50 का है जो खूब पसंद किया जा रहा है।गोबर से बने दीपक और धूप बत्ती स्टाल पर मौजूद है। धूप बत्ती में लौंग, कपूर आदि मिक्स कर इसे खुश्बूदार बनाया गया है। इसी तरह गोबर का दीपक तेल के साथ जल जाएगा जिससे किसी प्रकार का पालयूशन नही होगा।मोनी वर्मा, शॉपकीपरइस मेले के लिए हम साल भर तैयारी करते हैं। हमारे पास मिट्टी से बने आभूषण और शंख सहित दूसरे सामान मौजूद हैं। पगड़ी वाले गणेश जी और दस हजार की कीमत वाली लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा भी आपको हमारे यहां मिल जाएंगे।सांवरा, शॉपकीपर
खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए हमारे पास दर्जनों वैरायटी के अचार मौजूद हैं। घर पर तैयार दाल की खटाई भी मिल जाएगी। हमारे पास तीन प्रकार की चिली, रेड, ग्रीन और छोटी ग्रीन चिली का आचार भी है। उरद की बरी भी मिल जाएगी।मिथिलेश श्रीवास्तव, शॉपकीपरचाइनीज झालर के मुकाबले हमने अपने घर पर देशी झालर तैयार की है। इसकी कीमत महज सौ रुपए है लेकिन इसकी रोशनी का मजा ही अलग है। इसके अलावा सात रोशनी वाला एलईडी बल्ब भी हमारे यहां मिल जाएगा।कृष्णा कुशवाहा, शॉप कीपर