रवाना होने वाले दिन एसएमएस से दी गई थी जानकारी रेलवे पर जुर्मानालास्ट ऑवर में ट्रेन कैंसिल करना और वैकल्पिक व्यवस्था न देना उपभोक्ता के अधिकार का हनन है. उपभोक्ता फोरम ने इसे रेलवे की कमी मानते हुए टिकट का पूरा पैसा वापस करने के साथ ही दो हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश रेलवे को दिया है. ट्रेन कैंसिल होने से जर्नी न कर पाने वाले यात्रियों के लिए यह फैसला एक नजीर के तौर पर माना जा रहा है. वैसे रेलवे ट्रेन कैंसिल करने की दशा में टिकट का पैसा रिफंड करने का नियम फॉलो करता है. लेकिन यात्री को विकल्प न देने पर जुर्माना लगाने का मामला पहली बार सामने आया है. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहीम ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुना और फिर उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए रेलवे पर जुर्माना लगाया.


प्रयागराज ब्यूरो । कचहरी रोड के रहने वाले हर्षित भार्गव दिल्ली में एमबीए की पढ़ाई करते हैं। दीपावली पर वह घर आए थे। छुट्टी समाप्त होने के बाद उन्हें दिल्ली जाना था। उन्होंने दिल्ली के लिए आनलाइन टिकट की बुकिंग कराई। सीट भी कंफर्म हो गई। जिस दिन ट्रेन थी, उसी दिन कुछ घंटे पहले उनके मोबाइल पर रेलवे द्वारा एसएमएस भेजा जाता है, जिसमें ट्रेन के रद होने की जानकारी दी जाती है। यह देखकर वह चकित रह गए। रेलवे विभाग में फोन लगाकर ट्रेन रद होने की जानकारी मांगी, लेकिन कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। वह समय पर दिल्ली भी नहीं जा सके। हर्षित ने उपभोक्ता फोरम में रेलवे के खिलाफ वाद दाखिल कर दिया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहीम ने दोनों पक्षों को सुना। वैकल्पिक व्यवस्था देनी चाहिए थी
हर्षित भार्गव ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि अचानक ट्रेन रद होने से वह दिल्ली नहीं जा सके। अगर ट्रेन को रद ही करना था तो इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी। वहीं, रेलवे ने अपने तर्क में कहा कि अपरिहार्य कारणों से ट्रेन रद की गई थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहीम ने हर्षित भार्गव के पक्ष में निर्णय सुनाया। दो माह के भीतर टिकट का किराया वापस करने के साथ ही दो हजार रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। वाद दाखिल करने में एक हजार रुपये के आए खर्च को भी देने को कहा गया।

Posted By: Inextlive