उदय प्रताप एजुकेशनल सोसायटी वाराणसी का मामला

नयी सोसायटी बनाने के सरकारी आदेश पर रोक, जवाब तलब

राज्य सरकार के 29 जनवरी 2021 के आदेश पर अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रोक लगा दी है साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर तीन हफ्ते मे जवाब मांगा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी सोसायटी का पंजीकरण निरस्त होने मात्र से उसका अस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता। कोर्ट ने वाराणसी के उदय प्रताप एजुकेशन सोसायटी के स्थान पर नयी सोसायटी बनाने के राज्य सरकार के 29 जनवरी 2021 के आदेश पर अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रोक लगा दी है साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर तीन हफ्ते मे जवाब मांगा है।

यह आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा ने सोसायटी की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने यह कहते हुए याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की कि आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प प्राप्त है। पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त होने से सोसायटी अस्तित्व में नहीं है। इसलिए वह याचिका दाखिल नहीं कर सकती। कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और जवाब मांगा है। यह भी कहा है कि पंजीकरण निरस्त करने के कारण का खुलासा नहीं किया है। सोसायटी पर फ्राड या गलत प्रतिनिधित्व का आरोप नहीं है। पंजीकरण निरस्त होने से सोसायटी खत्म नहीं हो जाती।

Posted By: Inextlive