त्योहारी सीजन से बिजनेस को बड़ी उम्मीद
4 नवम्बर से शुरू हो चुका है शादी विवाह का सीजन
दो हजार करोड़ के बिजनेस का मार्केट को है अनुमान
प्रयागराज (ब्यूरो)। कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन दुर्गेश तारे के अनुसार नवम्बर महीने में 20, 21, 24, 25, 27, 29 एवं 30 नवम्बर तथा दिसंबर के महीने में 4, 5, 7, 8, 9, तथा 14 दिसंबर को शादियों के लिए सबसे उपयुक्त दिन कहा जा सकता है। इसके उपरान्त एक महीने के लिए शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। 14 जनवरी के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। बताया कि सनातन धर्म के अलावा आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, जैन समाज सहित देश में अन्य अनेक वर्ग हैं जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते वो भी इस सीजन में तथा इसके अलावा एनी दिनों में भी अनेक लोग शादी समारोह आयोजित करेंगे।
शादी देती है बड़ा बिजनेस
व्यापारी महेन्द्र गोयल एवं विभु अग्रवाल ने कहा की दिवाली पर्व पर हुए रिकॉर्ड कारोबार से उपजे उत्साह को बाज़ारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं। प्रत्येक शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वधू एवं वरपक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च शादी को सम्पन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है, इसलिए शादियों का सीजन भी देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुका है। मनोज अग्रवाल एवम दिनेश केसरवानी ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत, पेंट, फर्निशिंग, साज सज्जा आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साडिय़ां, लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्र ट मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, फर्नीचर, किराना, गिफ्ट आइटम्स, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में प्रतिवर्ष होता है।
प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता है। इसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़े पैमाने व्यापार मिलता है।
शिशिर केसरवानी, व्यापारी
महेन्द्र गोयल व्यापारी, कैट