- ट्रेनों के रद्द होने के चलते रोडवेज बसों में बढ़ी यात्रियों की संख्या अपने गंतव्य तक पहुंचने को पकड़ रहे बस अग्निपथ योजना के खिलाफ से शुरू हुए बवाल के चलते कई ट्रेनें रद्द चल रही हैं. जिसके चलते सफर करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिस किसी को अपने फिक्स डेट व समय पर पहुंचना है. वह अब बस का सहारा लेकर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं. इसमें ज्यादातर वह लोग शामिल है. जिनको काम या फिर छुट्टियां मनाकर घर वापस लौटना है. यह ही कारण है कि ट्रेनों के रद्द होने से अचानक से बसों में भीड़ बढ़ गई है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सोमवार को सिविल लाइंस और प्रयाग डिपो से संचालित होने वाली बसों का जायजा लिया। जौनपुर, वाराणसी, आजमगढृ और गोरखपुर, कानुपर रूट पर संचालित होने वाली बसों में बसे ज्यादा भीड़ नजर आई। यात्रियों ने बताया कि इनके ट्रेनें कैंसिल हो चुकी है। ऐसे में अब अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों का सहारा ले रहे हैं। जहां तक पहुंच सके। पहले वहां तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। आगे का पता नहीं, कहां तक पहुंच पाएंगे। अगर आगे कोई रास्ता नहीं दिखाई देता है तो प्राइवेट गाड़ी का सहारा लिया जाएगा। इन रूटों पर लगभग चलने वाली सभी बसों की सीट फुल नजर आई।

आफिस से 23 तारीख तक की ही छुट्टी मिली है। ट्रेन में इस डेट से पहले का टिकट भी कंफर्म नहीं हो पा रहा है। जिस ट्रेन का कंफर्म मिला था। वह ट्रेन ही रद्द हो गई है। ऐसे में बस का सहारा लिया जा रहा है।
वर्जन- गोविंद कुमार, यात्री

ट्रेन की कंडीशन इस वक्त ठीक नहीं है। लगभग सभी ट्रेनें कैंसिल है। काम पर लौटना है। मालिक का फोन आ रहा है। टायर बनाने के फैक्ट्री में काम करता हूं, फैक्ट्री में स्टाफ भी कम है। अगर समय पर नहीं पहुंचा तो नौकर जा सकती है।
वर्जन - प्रभाकर शर्मा, यात्री

अगर ट्रेन कैंसिल हो जा रहा है तो रेल प्रशासन को बाय रोड पहुंचने का इंतजाम करना चाहिए। अब मजबूरी में बस का सहारा लेना पड़ रहा है। एक तो बस से पहुंचने में टाइम लगेगा। ऊपर से जहां तक पहुंचना है। वहां तक बस जाती भी नहीं है।
- शैलेश गुप्ता, यात्री

दिल्ली तक पहुंचने के बाद आगे का सफर दूसरे बस से देखा जाएगा। इस समय बिना रिर्जेवेशन सफर करना सही नहीं है। क्योंकि सफर लंबा है और सीट न मिले तो बेकार है। दिल्ली पहुंचने के बाद आगे का सफर देखा जाएगा। कैसे इंतजाम होगा।
- आंनद वर्मा, यात्री

Posted By: Inextlive