बुलडोजर चलने से प्रयाग संगीत समिति पर संकट बढ़ा
सिविल लाइंस स्थित प्रयाग संगीत समिति कुल 5.28 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। बताते हैं कि यह जमीन इस समिति को 1948 में लीज पर मिली थी। इसकी बिल्डिंग के निर्माण की जानकारी ठीक से किसी को नहीं है। प्रयाग संगीत समिति आज पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। यहां संगीत की शिक्षा लेने के लिए सैकड़ों परिवारों के बच्चे आते हैं। संगीत के हुनर में युवाओं को पारंगत करने वाली इस संस्थान के परिसर में अपने गैराज व किचन और गोदाम एवं गेस्ट हाउस भी बने हुए थे। जानकार कहते हैं कि गेट में प्रवेश के वक्त दाहिनी ओर बना गैराज पूरी बिल्डिंग के साथ है। जबकि बाईं तरफ गैराज करीब दो साल पहले संगीत समिति में आई नई गाड़ी के लिए बनवाया गया था। गेस्ट हाउस में काफी पुराना था। इसमें देश भर से आने वाले समिति के लोगों को ठहराया जाता था। साल में चार तरह की मीटिंग में देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आया करते थे। यही लोग गेस्ट हाउस में रहते थे और किचन में इनके लिए खाना बनवाया जाता था। इस मीटिंग में संगीत शिक्षा को लेकर प्लान और डोनेशन आदि की रणनीति बना करती थी। परिसर में बाउंड्री के अंदर बने गेस्ट हाउस, दोनों गैराज व गोदाम एवं किचन को ढहाकर पीडीए ने प्रयाग संगीत समिति के सपने को तोड़ दिया है।
अब नहीं आ सकेंगे प्रेसीडेंट?कोरोना कॉल के बाद प्रयाग संगीत समिति भी बच्चों की संगीत शिक्षा को लेकर प्लान बनाने की तैयारी में था। इसके लिए जल्द ही प्रेसीडेंट के साथ यहां मीटिंग होनी थी। वह आते तो उन्हें रोकने की व्यवस्था गेस्ट हाउस में की जाती। सभी के लिए खाने का बंदोबस्त खुद के किचन में ही किया जाता। मगर पीडीए ने गेस्ट हाउस के साथ किचन को भी ढहा दिया। ऐसे में अब अतिथि आएंगे भी तो वह ठहरेंगे कहां? इन तमाम समस्याओं को देखते हुए फिलहाल जिम्मेदार प्रेसीडेंट की मीटिंग को पोस्टफोन ही मानकर चल रहे हैं।
असुरक्षित हो गए लाखों क सामान
प्रयाग संगीत समिति के जिस गोदाम को ढहाया गया है उसमें प्रोग्राम के वक्त काम आने वाले सामान जैसे बिजली के तार, हाईलोजन, कलाकारों के सजने व संवरने के सामान एवं ढोलक, मजीरा, हारमोनियम, तबला जैसे अन्य स्टूमेंट भी उसी में रखे जाते थे। समिति से जुड़े लोगों की माने तो गोदाम के तोड़े जाने से अब इन सारे कीमती व छात्रों के लिए उपयोगी सामानों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि प्रयाग संगीत समिति के जिम्मेदार इन सामानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर बताए जा रहे हैं।
प्रयाग संगीत समिति बच्चों की सहूलियत को देखते हुए शहर में तीन शाखाएं स्थापित कर रखा है। इनमें एक साउथ मलाका तो दूसरा जार्जटाउन में है। तीसरा झूंसी में भी एक ब्रांच प्रयाग संगीत समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है। यदि सिविल लाइंस प्रयाग संगीत समिति को भी ले लें तो कुल चार ब्रांच में यहां युवाओं को संगीत शिक्षा में पारंगत किए जा रहे हैं। अहम तीन मीटिंग पर भी संकट
प्रयाग संगीत समिति की साल में कुल चार अहम मीटिंग बताई जाती है।
इसमें एक कम्यूनिकेशन, प्राइस वितरण, गेट टूगेदर कम प्लान मीटिंग शामिल है।
यही वह तीन मीटिंग है जिसमें संगीत सीख रहे बच्चों को प्लेटफार्म दिए जाने से लेकर उनके विकास सहित तमाम चीजों की दिशा व दशा तय किया करती थी।
चूंकि अब खाने के लिए किचन रहने के लिए गेस्ट हाउस एवं स्टूमेंट के गोदाम ढहा दिए गए हैं।
ऐसे में इन सारी मीटिंग में आने वाले अतिथियों रहने खाने की व्यवस्था को लेकर यहां संकट खड़े हो गए हैं।