सोशल मीडिया से बनाएं दूरी, चढ़ें सफलता की सीढ़ी
- पीसीएस 2019 के टापर्स बोले- सोशल मीडिया पर डिस्टर्ब करने वाले मैटेरियल की होती है भरमार
- एक नोटिफिकेशन के चक्कर में 15 से 20 मिनट होते हैं खराब prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: पिछले एक साल से जहां ऑनलाइन क्लासेज का चलन बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया भी अपनी धमक बनाए हुए है। हर कोई सोशल मीडिया पर खुद को अपडेट करना चाहता है। लेकिन जहां तक पीसीएस टापर्स की बात करें, तो वह सोशल मीडिया को डिस्ट्रैक्टिव एलीमेंट के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि सोशल मीडिया परीक्षा की तैयारी में बाधा उत्पन्न करता है। यही कारण है कि पीसीएस 2019 के टाप 5 ने सोशल मीडिया से खुद की दूरी बनाकर रखी और सफलता का श्रेय भी अपने इस कदम को देते है। ऑनलाइन क्लास खत्म करता है अटेंशनपीसीएस 2019 में चौथी पोजीशन हासिल करने वाले कुनाल गौरव का कहना है कि सोशल मीडिया हो या ऑनलाइन क्लासेस, ये फायदा कम देते हैैं और नुकसान अधिक करते हैं। आनलाइन क्लासेस को लेकर कुनाल का कहना है कि उनके मोबाइल पर फेसबुक, इंस्ट्राग्राम आदि नहीं है। जहां तक आनलाइन क्लासेस की बात है तो ऑनलाइन क्लासेस टाइम तो बचाता है, लेकिन क्लास करने में दो चीज की जरूरत होती है। पहला अटेंशन व दूसरा सेल्फ कंट्रोल। लेकिन जब हम ऑनलाइन क्लास करते हैं, तो अकेले में इतना कंट्रोल नहीं होता है। ऑनलाइन क्लास में अपने हाथ में होता है कि स्पेसबार से उसे रोक कर दूसरा काम कर सके। ऐसा करने से काफी समय खराब होता है। जबकि आफलाइन क्लासेस में ये आप्शन नहीं मिलता है। इसके लिए पर्सनल लेवल पर डिसीप्लीन होना बेहद जरूरी है।
यूट्यूब पर ध्यान भटकाने के होते है कई टापिकजहां तक यूट्यूब पर वीडियो की बात है, तो यहां पर ध्यान भटकाने वाले कई टापिक होते है। ऐसे में एक्टीव लर्निग देखना होगा, कि जो पढ़ रहे हैं, उससे कितना फायदा होता है। यूट्यूब कांप्लीमेंट कर सकता है। तैयारी नहीं होती है। ये कहना है टाप 5 में पांचवीं पोजिशन हासिल करने वाली प्रियंका कुमारी का। सोशल मीडिया को लेकर टापर्स का कहना है कि सोशल मीडिया डिस्ट्रैक्ट करता है। क्योकि सोशल मीडिया पर एक नोटिफिकेशन आता है, तो उसे एक मिनट में देखने के बाद वापस अपने टापिक तक आने और फिर से पढ़ाई में कंसंट्रेट करने में कम से कम 15 से 20 मिनट का समय खराब होता है। साथ ही उस कांसंट्रेशन के साथ नहीं आ पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखे।
सोशल मीडिया से दूरी बनाने का ये हैं कारण - ज्यादा से ज्यादा टाइम अनडिवाईडली प्रिपरेंशन को दे सके - सोशल मीडिया अटेंशन को ब्रेक करता है - हमारा फोकस और कंसंट्रेशन ब्रेक होता है - पढ़ाई के दौरान जो माइंड सेट होना चाहिए, वो कम होता है - यूट्यूब पर काफी मैटेरियल अच्छे भी है - यूट्यूब के लिए थोड़ा माइंडफुल होना चाहिए - टारगेट से भटकने के होते हैैं ज्यादा चांस - हमेशा याद रखें अपना गोल, - सोशल मीडिया पर गोल से भटकाने के मैटेरियल की भरमार है - सोशल मीडिया से तैयारी के दौरान थोड़ी दूरी बना कर रखता था। ऑन लाइन क्लासेस में विश्वास नहीं है। रिफरेंस व किताबों पर ही सबसे अधिक विश्वास करता हूं। युगांतर त्रिपाठी, पीसीएस सेकेंड रैंकर - फेसबुक डिएक्टीवेट कर रखा है। वाट्सअप भी लिमिटेड है। यूट्यूब का रोल तो है, लेकिन कई वेबसाइट पर अलग-अलग चीजें होती है। ऐसे में डिस्ट्रैक्शन बहुत है। अगर थोड़ी चूक हुई, तो काफी समय खराब होता है। पूनम गौतम, थर्ड रैंकर- सोशल मीडिया पर एक नोटिफिकेशन को देखने और वापस तैयारी पर आने में 15 से 20 मिनट खराब होते हैैं। उसके बाद भी ब्रेक करने के पहले की तरह एकाग्रता नहीं बन पाती है। कई बार पढ़ाई से दिमाग पूरी तरह से हट जाता है।
कुनाल गौरव, 4वीं रैंक - सोशल मीडिया डिस्ट्रैक्ट करता है। इसलिए तैयारी के दौरान पूरे समय दूरी बनाकर रखी थी। वैसे भी सोशल मीडिया हो या यूट्यूब, दोनों ही पर ऐसे मैटेरियल की भरमार है, जो आपका ध्यान अपने गोल से भटका देते हैैं। प्रियंका कुमारी, 5वीं रैंकर