UP By Polls: बज गया उप चुनाव का बिगुल, फूलपुर सीट को चाहिए विधायक, प्रयागराज राजनीतिक माहौल हुआ गर्म
प्रयागराज ब्यूरो । UP By Polls: यूपी की नौ विधानसभा सीटों का उप चुनाव कार्यक्रम घोषित हो गया है। 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा। इस सीट पर सपा और बसपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि भाजपा की ओर से प्रत्याशी का नाम फाइनल अभी नही हो सका है। चुनाव में चार लाख से अधिक वोटर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनकर विधानसभा भेजेंगे। उप चुनाव घोषित होते ही फूलपुर सीट का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। ओबीसी और जनरल चुनेंगे अपना नेता
फूलपुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में चार लाख से अधिक वोटर मौजूद हैं और इनमें सबसे ज्यादा ओबीसी वोट तकरीबन 45 फीसदी हैं। दूसरे नंबर पर 25 फीसदी जनरल वोटर्स हैं। मुस्लिम वोटर्स की आबादी 14 फीसदी और एससी वोट 17 फीसदी हैं। यही कारण है कि तमाम राजनीतिक पार्टियां या तो ओबीसी कैंडिडेट चुन रही हैं या तो फिर वह मुस्लिम, ओबीसी के समीकरण का लाभ लेने की फिराक में हैं। क्या है चुनावी कार्यक्रमअधिसूचना- 18 अक्टूबरनामांकन- 18 से 25 अक्टूबरनाम वापसी- 30 अक्टूबरवोटिंग- 13 नवंबरमतगणना व रिजल्ट- 23 नवंबरसपा और बसपा के उम्मीदवार घोषित
उप चुनाव की आहट होते ही सपा और बसपा ने इस सीट से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिनमें सपा ने पूर्व विधायक मुज्तबा सिददीकी और बसपा ने शिवबरन पासी को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नही किया है। बता दें कि सपा उम्मीदवार मुज्तबा तीन बार विधायक रह चुके हैं। 2002 से 2012 तक वह सोरांव से विधायक और 2017 में वह प्रतापपुर सीट से विधायक बने थे। 2022 में वह महज 2775 वोट से भाजपा के प्रवीण पटेल से चुनाव हार गए थे। वही प्रवीण पटेल के फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इसलिए यहां पर उप चुनाव कराए जा रहे हैं। आसान नही होगा चुनाव जीतना
पिछली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल काफी वोटों के अंतर से चुनाव जीत थे। यही कारण है कि इस बार उप चुनाव में पार्टी के जीत का रास्ता आसान नही माना जा रहा है। क्योंकि पहले ही सपा ने मुस्लिम और बसपा ने एससी कैंडिडेट मैदान में उतारकर अपने इरादे जता दिए हैं। हालांकि फूलपुर सीट से टिकट मांगने वालों की लाइन काफी लंबी है। ऐसे में भाजपा उसी पर दांव लगाएगी जो उसे उप चुनाव में जीत के रूप में सीट का तोहफा दे सके।