आर्थिक समृद्धि व रोजगार बढ़ाने वाला बजट
- 21 वीं सदी के तीसरे दशक का पहला बजट कई मायनों में महत्वपूर्ण मानते है अर्थशास्त्री
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: ईसीसी के इकोनामिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ उमेश प्रताप सिंह की माने तो 21वीं सदी के तीसरे दशक का पहला बजट कई मायनों में बेहद महत्त्वपूर्ण है। कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में आई रिकॉर्ड मंदी के बाद इस प्रकार का बजट भारत के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने वाला बजट है। पूंजीगत व्यय में 35 परसेंट की ग्रोथ से बढ़ेंगे रोजगार डॉ। उमेश प्रताप मानते हैं कि बजट निश्चित रूप से आíथक समृद्धि को बढ़ाने वाला है, क्योंकि सरकार ने आधारिक संरचना पर व्यय में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। लास्ट इयर के मुकाबले पूंजीगत व्यय में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि न सिर्फ बड़े स्तर पर रोजगार पैदा करेगी। साथ ही औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संवृद्धि को भी गति देगी।हेल्थ सेक्टर में खर्च पर अभूतपूर्व वृद्धि से मिलेगी राहत
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनमोहन कृष्णा के अनुसार बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जो 137 परसेंट के करीब है, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य भारत योजना के लिए 74180 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र जिस पर सरकार का ध्यान अधिक रहा वह आधारभूत संरचना है जिसमें 1 लाख 93 हजार करोड़ का आवंटन किया गया है जो मुख्य रूप से हाईवे के विकास को सम्मिलित करता है, लेकिन ये विकास उन राज्यों में अधिक दिखेगा। जहां पर चुनाव होने है। सीनियर सिटीजन जिनकी आयु 75 वर्ष से ऊपर है उन्हें ही कर में छूट का प्रावधान किया गया है ,जो की कुल जनसंख्या का एक परसेंट भी नहीं है। हालांकि इन सबके अलावा बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए गए हैं।