बदले के लिए हुआ था दोनों व्यापारियों का कत्ल
-सीआरपीएफ व बीएसएफ कांस्टेबल ने करवाया थे मर्डर
-भांजे और भाड़े के हत्यारों ने मिलकर दिया था घटना को अंजाम ALLAHABAD: नवाबगंज के मुबारकपुर में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा हो गया है। हत्या सीआरपीएफ कांस्टेबल आरिफ, बीएसएफ कांस्टेबल नफीस और प्रॉपर्टी डीलर मोबिन उर्फ पप्पू ने रची थी। तीनों सगे भाई हैं। मर्डर बदला लेने के लिए करवाए गए थे। जिन दो व्यापारियों का मर्डर हुआ था, उनमें से एक रामकुमार उर्फ विमल कुमार यादव तीनों के भाई नसीम के मर्डर में आरोपी था। नसीम सीआरपीएफ से रिटायरमेंट लेने के बाद प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था। भांजे का लिया सहारादहियामऊ प्रतापगढ़ के रहने वाले तीनों भाइयों ने मर्डर का प्लान भांजे कलीम के साथ मिलकर बनाया था। सोरांव के रुदापुर के कलीम को ऑफर दिया गया था कि रामकुमार का मर्डर करवाने वाले को दो लाख रुपए दिए जाएंगे। कलीम ने सोरांव के खरगापुर के संजय यादव को यह काम सौंपा। उसे एडवांस में क्0 हजार रुपए भी दिए गए गए। संजय की मदद से ही क्9 जुलाई को रामकुमार को गदौली नहर बुलाया गया था। रामकुमार के साथ उसका दोस्त आशीष भी साथ था। नसीम के मर्डर के बाद से रामकुमार फरार था और कुछ ही दिन पहले एरिया में देखा गया था।
बिना बात के मारा गया आशीष
आशीष का गुनाह सिर्फ इतना था कि वह रामकुमार के साथ आया था। क्9 जुलाई की रात में ददौली पर पांच और लोग खड़े थे। मारपीट के बाद रामकुमार और आशीष को सफारी में बैठाने के बाद सभी मुबारकपुर कछार पहुंचे। एसएसपी केएस इमैनुएल के मुताबिक, कुल्हाड़ी, चापड़ से मारकर दोनों को घायल करने के बाद फावड़े से सिर काट दिया गया। पुलिस ने कलीम और संजय को अरेस्ट कर लिया है। आरिफ, नफीस व मोबिन फरार हैं। आरिफ की तैनाती पडि़ला गु्रप सेंटर में है जबकि नफीस जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड है। पुलिस ने बीएसएफ और सीआरपीएफ से संपर्क साधा है। गुरुवार को एसएसपी ने हत्या के दो आरोपियों कलीम व संजय को मीडिया के सामने पेश किया।