टॉयलेट एरिया तक पर है पैसेंजर्स का कब्जा सीट ओनर्स के लिए टॉयलेट तक पहुंचना हुआ चैलेंज अब भी पैक होकर चल रही हैं ट्रेनें स्लीपर क्लास में सीट रिजर्व होने के बाद भी पैसेंजर्स को हो रही दिक्कत थोड़ा साइड हो जाइये भाई साहब टॉयलेट जाना है. अरे आप लोगों से ही बोल रही हूं.... लोग महिला पैसेंजर की तरफ देखें लेकिन कोच में अधिक भीड़ होने के चलते कोई हिलने और हटने को तैयार नहीं था. मजबूरन महिला को वापस जाकर अपनी सीट पर बैठना पड़ा. यह सीन पुणे-दरभंगा ट्रेन के स्लीपर कोच का था. इन दिनों त्योहार मनाकर लौटने वालों की भीड़ सबसे अधिक है. ट्रेनें अभी भी फुल पैक होकर चल रही हैं स्लीपर क्लास में सीट रिजर्व होने के बाद भी पैसेंजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि टॉयलेट एरिया तक पर पैसेंजर्स का कब्जा है. सीट ओनर्स के लिए टॉयलेट तक पहुंचना चैलेंज हो गया है.

प्रयागराज ब्यूरो । भले ही रेल प्रशासन पैसेंजर्स फैसिलिटी उपलब्ध कराने का वादा करती हो लेकिन जमीनी स्तर पर पैसेंजर्स फैसिलिटी ट्रेन में नहीं मिल रही है। आलम यह है कि पैसेंजर्स स्लीपर कोच में कंफर्म टिकट लेकर बैठ रहा है। फिर भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम शाम 4:40 पर नौ और दस नंबर प्लेटफार्म पर मौजूद थी। तभी पुणे-दरभंगा ट्रेन आकर लगी। एक स्लीपर कोच के अंदर भीड़ खचाखच भरी हुई थी। एक महिला जोर-जोर चिल्ला रही थी। थोड़ा जगह दे दीजिए टॉयलेट रूम तक जाना है। मगर भीड़ में कोई सुनने के बाद भी हटने तैयार नहीं था। महिला पैसेंजर्स की हिम्मत नहीं हुई कि वह भीड़ का सामना करते हुये टॉयलेट रूम तक पहुंच सके। मजबूरन वापस अपनी सीट जाकर बैठना पड़ा। वहीं दूसरी सीट पर बैठा एक पुरुष पैसेंजर अपने बच्चे को बोतल से दूध पिला रहा था। रिपोर्टर ने पूछा कि कोई दिक्कत तो नहीं। इतने पर बोल पड़ा। कंफर्म टिकट लेकर बैठे है। पत्नी को बच्चे को अपना दूध पिलाना है। मगर भीड़ के चलते नहीं पिला पा रही है। मजबूरी में बोतल से पिलाना पड़ रहा है। जबकि बच्चा बोतल से दूध पीना
पसंद नहीं करता है।

लिच्छवी, नार्थ ईस्ट, ब्रह्मपुत्र में नो रूम
छठ महापर्व, दीपावली, भाई दूज का त्योहार मना कर काम पर लौटने वाली भीड़ लगातर बढ़ रही है। पूर्वांचल, बिहार, झारखंड की ओर से आने वाली ट्रेनें की कंडीशन बिल्कुल खराब है। वापस आने वाली ट्रेनें पूरी तरह से फुल चल रही हैं। लोग शौचालय व गेटों पर खड़े होकर सफर कर रहे है। किसी भी ट्रेन आरक्षित सीट उपलब्ध नहीं है। बिहार की ओर से प्रयागराज होकर गुजरने वाली दिल्ली हावड़ा रूट की कई ट्रेनों में अगले 10 नवंबर तक स्लीपर कोच में सीट नहीं है। इसमें लिच्छवी, ब्रह्मपुत्र, नार्थ ईस्ट, ब्रह्मपुत्र जैसी लंबी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं।

एसी तक कोच में घुस रहे लोग
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जब ट्रेनों में सीट की स्थिति दिखी तो स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में चार नवंबर को भी नो रूम दिखाई पड़ा। हालांकि वेटिंग की संख्या में कमी दिखाई दी। प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर, पुरुषोत्तम, स्वतंत्रता सेनानी, सीमांचल, मगध आदि ट्रेनों में भी आरक्षित सीट उपलब्ध नहीं है। अधिकांश ट्रेनों में वेटिंग सौ के आसपास ही है। जबकि छठ से पहले यह वेटिंग 500 पार कर गई थी। दूसरी ओर फ्लैक्सी फेयर के चलते विमानन कंपनियों के दाम भी तीन से चार गुना तक बढ़ गया है। सबसे अधिक परेशानी जनरल कोच में है। यहां भीड़ अधिक होने के कारण साधारण टिकट वाले यात्री ट्रेन में न घुस पाने पर स्लीपर व एसी तृतीय श्रेणी के कोच में घुस रहे हैं। इस समय प्रयागराज जंक्शन पर जो ट्रेन आ रही है, उनमें अजीब स्थिति दिखती है।

Posted By: Inextlive