50 हजार में भाई की जान का सौदा
प्रयागराज ब्यूरो । औद्योगिक थाना क्षेत्र के मुंगारी निवासी अयोध्या प्रसाद दो शादी कर रखा था। बताते हैं कि पहली बीवी से उसे एक बेटा भाष्कर है। जबकि संदीप कुमार उसकी दूसरी बीवी का बेटा है। अयोध्या प्रसाद दूसरी बीवी के बेटे संदीप का ज्यादा ध्यान दिया करता था। पूरी संपत्ति वह संदीप को ही सौंप दिया था और घर का मालिक बना दिया था। ऊपर से वह भाष्कर को कोई तवज्जो भी नहीं दिया करता था। पिता के इस सौतेले व्यवहार से भाष्कर तंग आ चुका था। इसी बात को लेकर वह भाष्कर सौतेली मां के बेटे यानी भाई से रंजिश पाल बैठा था। इसी के चलते वह संदीप की हत्या कराने का प्लान बना बैठा। कौशाम्बी जिले के कोखराज पट्टी नरवल निवासी लवकुश पुत्र फूलचंद्र और भाष्कर दोस्ती थी। भाष्कर अपनी इस समस्या के बारे में लवकुश से चर्चा करते हुए हत्या का प्लान बनाया।
लवकुश उसे भरोसा दिलाया कि उसका यह काम वे खुद कर देगा। बस इसके लिए उसे 50 हजार रुपये देने होंगे। डीप पक्की होने के बाद भाष्कर अपने सौतेले भाई संदीप की हत्या कराने के लिए 50 हजार रुपये की सुपारी लवकुश को दे दिया। पैसा पाने के बाद लवकुश अपने दोस्त रंजीत कुमार पुत्र मैकू लाल निवासी नौवापुरा थाना कोखराज से सम्पर्क किया। रंजीत और लवकुश मिलकर संदीप की हत्या का तानाबाना बुनना शुरू कर दिए। वारदात को अंजाम देने के लिए दोनों संदीप की रेकी शुरू कर दिए। हाल ही में 14 जनवरी की शाम की शाम संदीप बाइक से ब्लड कलेक्शन के लिए अकेले जा रहा था। उसे अकेले जाते हुए देखकर शूटर रंजीत और लवकुश उसका पीछा कर लिए। औद्योगिक थाना क्षेत्र के रामलखन पब्लिक स्कूल मुंगारी के सामने मीरजापुर रोड पर संदीप के पहुंचते ही दोनों उस पर पीछे से गोली चला दिए। गोली सटीक लगते ही संदीप बाइक लेकर रोड पर गिर गया। उसके गिरते ही शूटरों को लगा कि अब संदीप नहीं बचेगा और वहां से भाग निकले। गनीमत यह थी कि पब्लिक की मदद व पुलिस की सक्रियता से संदीप बच गया। प्रकरण में मुकदमा दर्ज करके पुलिस जांच में जुटी। हमले के साजिशकर्ता व शूटरों का चेहरा बेनकाब हो गया। घटना में प्रयुक्त तमंचा व एक खोखा और जिंदा कारतूस, बाइक एवं तीन मोबाइल भी बरामद किए गए हैं।
संदीप पर हमला करने वाला उसका सौतेला भाई है। उसी के द्वारा उसकी हत्या के लिए सुपारी दी गई थी। यह मामला गिरफ्तार किए गए दोनों शूटरों व उसके सौतेले बड़े भाई ने पूछताछ में स्वीकार की है।
अजीत सिंह चौहान, एसीपी करछना