लोगों का मकान बनवाने का सपना अधर में ईट भट्ठा मालिकों ने रोक दी बिक्री जीएसटी और कोयले की महंगाई को लेकर जता रहे हैं नाराजगी नवरात्र से भवन निर्माण की तैयारी में हैं हजारों लोगसर्किल रेट बढऩे से पहले लोग तेजी से जमीनों की रजिस्ट्री करा रहे हैं. उनकी प्लानिंग नवरात्र से भवन निर्माण की शुरुआत करने की है. ऐसे हजारों लोगों का यह सपना अधर में लटक गया है. क्योंकि ईट भट्ठा मालिकों ने अचानक ईटों की बिक्री पर रोक लगा दी है. इससे शहर में हाहाकार मचा हुआ है. कई निर्माणाधीन मकानों पर ब्रेक लग गया है. मकान मालिक ईंट की तलाश में भटक रहे हैं लेकिन सुनवाई नही हो रही है. ईट भट्ठा मालिको ंने यह फैसला जीएसटी और कोयले की बढ़ते दामों को देखते हुए लिया है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयागराज ही नही बल्कि पूरे देश में ईंटो ंकी बिक्री 11 से 17 सितंबर तक बंद की गई है। कारण जीएसटी और कोयले के बढ़े रेट हैं। ईट भट्ठा मालिकों का कहना है कि सरकार हमसे 6 से 12 फीसदी तक जीएसटी वसूल कर रही है, जो आम व्यापारियों को मिलने वाले समाधान स्कीम एक फीसदी से छह गुना अधिक है। इसके अलावा कोयले का दाम 6 हजार की जगह बढ़कर 24 से 32 हजार हो गया है। इतनी महंगाई होने पर भट्ठा संचालकों की लागत भी नही निकल रही है। यही कारण है कि हमने ईट बिक्री पर रोक लगाई है और 17 सितंबर के बाद इसकी मियाद भी बढ़ाई जा सकती है। अगले सत्र में ईंट निर्माण पर भी रोक लगा दी गई है।हर साल 12 करोड़ ईट की खपत


आंकड़ो पर जाएं तो प्रयागराज में कुल 548 ईट भट्ठे पंजीकृत हैं है और इनमें हर साल 12 करोड़ से अधिक ईटों की निर्माण किया जाता है। इस समय ईंट की बिक्री 12 से 14 हजार रुपए में की जा रही है। संचालकों का कहना है कि हमने सरकार से जीएसटी की दर घटाने और कोयले का दाम कम करने की मांग की है। जब तक सुनवाई नही होगी, हमारा विरोध चलता रहेगा। संचालकों का कहना है कि हम पर ईंट के दाम बढ़ाने का दबाव लगातार बना हुआ है जिससे आम जनता को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।रुक गया निर्माण, बिचौलियों की बल्ले बल्लेसरकारी स्कूल में टीचर मयंक श्रीवास्तव का मकान झलवा एरिया में निर्माणाधीन है। ईंट की कमी से उनका काम तीन दिन से बंद पड़ा हुआ है। बिचौलिए से उन्होंने संपर्क किया तो दोगुने दाम पर ईंट देने की बात कर रहा है। इसी तरह बेनीगंज एरिया में मकान बनवा रहे राजेश पांडेय का निर्माण कार्य दो दिन से ठप हो गया है। भट्ठा मालिक ने उन्हें ईंट देने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि जिन लोगों के पास ईंट मौजूद है वह दो से तीन गुने दाम मांग रहे हैं। लेकिन इतना महंगा मटेरियल लगाने की उनकी फिलहाल हैसियत नही है। कोयले की महंगाई से हम लोग त्रस्त है। कई गुना दाम बढ़ गए हैं। जीएसटी की मार अलग से पड़ रही है। ऐसे में हमने आजिज आकर आल इंडिया लेवल ईंट की बिक्री रोक दी है। सरकार हमारी बात नही सुनेगी तो हमारा विरोध लंबा चलेगा। इससे आम पब्लिक को अधिक प्रभावित होना पड़ सकता है।

उमाशंकर आलियानी, अध्यक्ष, संगम ईट निर्माण समिति प्रयागराज

Posted By: Inextlive