विधानसभा चुनाव में लेखपाल संवर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. मुंडेरा मंडी में एक हफ्ते से लेखपाल संवर्ग ईवीएम मशीनों की रखरखाव सेटिंग सहित विभिन्न कार्यों में लगा हुआ है. दूरदराज तहसीलों के लेखपाल रात अधिक होने के कारण अपने घरों को भी नहीं जा रहे हैं और मुंडेरा मंडी में ही रात व्यतीत करने के लिए विवश हैं. इसी के साथ ही बूथ बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी लेखपाल संवर्ग की ही होती है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जिलाध्यक्ष राजकुमार सागर ने बताया कि शासन द्वारा लेखपालों के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत पोलिंग सेंटर का 345 और उसी सेंटर के अंतर्गत बूथों के निर्माण का 230 भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया है। परंतु स्कूलों में पेयजल व फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण लेखपालों को अपने जेब से भी अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है। शिष्टाचार के तहत आने वाले मतदान कर्मियों, अधिकारियों के लिए रात में ठंड होने के कारण रजाई गद्दे दरी की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी लेखपाल के कंधों पर है। जिसमें प्रति लेखपालों का जेब से लगभग 1000 से 2000 व्यक्तिगत खर्चा हो जा रहा है। वहीं दूसरी ओर फूलपुर तहसील के रजिस्ट्रार द्वारा लेखपालों के मिलने वाली धनराशि में भी कटौती कर ली गई है जिससे कि लेखपालों में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिला अध्यक्ष राज कुमार सागर ने फूलपुर प्रशासन के इस कृत के लिए उच्च अधिक अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। यदि जल्दी ही से धनराशि का भुगतान नहीं किया गया तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी

Posted By: Inextlive