वल्र्ड आस्टियोपोरोसिस डे स्पेशलकैल्शियम की कमी से होती है बीमारी महिलाओं को होशियार रहने की जरूरततेजी से बढ़ रहे हैं ओपीडी में मरीज आसान नही होता है इलाज

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बढ़ती उम्र के लिए ऑस्टियोपोरोसिस एक खतरनाक बीमारी है। एक बार इसकी चपेट में आने के बाद इसे ठीक करना आसान नही होता है। बल्कि मरते दम तक यह बीमारी मरीज को परेशान करती रहती है। खासकर महिलाओं में इस बीमारी का रिस्क फैक्टर अधिक होता है। इसलिए महिलाओं को कम उम्र से ही पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा नही करने से बुढ़ापे में वह इसकी चपेट में आ जाती हैं।

क्यों होती है बीमारी
उम्र बढऩे के साथ हड्डियों का कमजोर होना आम बात है। लेकिन जब ये हड्डियां हद से ज्यादा कमजोर हो जाएं और ऐसी नौबत आ जाए कि बहुत आसानी से इनमें फ्रै क्चर होने लगे या हड्डी टूटने लगे, तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। इस बीमारी के दौरान कमर, हिप्स और जाइंट्स में फ्रै क्चर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। हड्डियों में बोन डेंसिटी कम होने से फ्रैक्चर का खतरा बढऩे लगता है। अक्सर महिलाओं में 50 साल की उम्र के बाद यह लक्षण देखने को मिल जाते हैं। जबकि पुरुषों में 60 साल की उम्र के बाद आस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

महिलाएं अधिक होती हैं शिकार
पुरुषों के मुकाबले ये समस्या महिलाओं में देखने को मिलती है। इसका बड़ा कारण है शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी। शुरुआत से ही खानपान में भेदभाव और लापरवाही की वजह से 35 की उम्र के बाद बोन मास डेंसिटी कम होने लगती है और बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है।

बीमारी के रिस्क फैक्टर्स
कैल्शियम की कमी
विटामिन डी की कमी
फिजिकल इनएक्टिविटी
स्मोकिंग करना
अधिक शराब का सेवन
रूमेटाइड अर्थराइटिस
दवाओं के साइड इफेक्ट्स
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
पोश्चर में बदलाव
सांस की तकलीफ

आसानी से हड्डी टूटना या फ्रै क्चर होना
पीठ के निचले हिस्से में दर्द
ऊंचाई का कम होना

आस्टियोपोरोसिस होने के कारण
सोडा या कोल्डड्रिंक
रिसर्च बताती हैं कि सोडा वाली चीजें पीने से हड्डियां कमजोर होती हैं। इससे हिप फै्रक्चर का जोखिम बढ़ जाता है।

कैफीन
कैफीन को भी हड्डियों की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। कैफीन हड्डियों से कैल्शियम का रिसाव करता है, जिसके कारण हड्डियांकमजोर होती हैं।
नमक
ज्यादा नमक खाने से शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, सोडियम कैल्शियम को शरीर से बाहर निकाल देता है।
चीनी
चीनी का अधिक सेवन भी हड्डियों की हेल्थ के लिए नुकसानदायक माना जाता है। ज्यादा चीनी खाने से शरीर को खानपान की अन्य चीजों से जरूरी पोषक तत्व ठीक से नहीं मिल पाते।
शराब
शराब को भी हड्डियों का दुश्मन माना जाता है। शराब पीने से बोन डेंसिटी स्कोर प्रभावित होता है, जो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क पैदा कर सकता है।

बचाव के तरीके
खानपान में भारी चीजों को कम करें। सादा भोजन और हरी सब्जियों का सेवन करें।
प्रोटीन के लिए सोयाबीन, स्प्राउट्स, दालें, मक्का और बीन्स आदि को खाने में शामिल करें।
कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, कच्चा पनीर, दही, मखाने आदि चीजों को लें।
केले में काफी कैल्शियम होता है, रोजाना कम से कम दो केले जरूर खाएं। इसके अलावा अन्य फलों को भी अपनी डाइट में शामिल करें।
नट्स को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है। कैल्शियम के अलावा, हड्डियों की बेहतर सेहत के लिए ये काफी अच्छा है।
रोजाना एक्सरसाइज और वाकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

ओपीडी में आस्टियोपोरोसिस के मरीज बढ रहे हैं। खासकर महिलाएं ज्यादा हैं। कहीं खानपान में भेदभाव तो कहीं लापरवाही या नशा इसका कारण बन जाता है। इसलिए कहा जाता है कि बचपन से ही महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए। मीनोपाज भी इसका एक बड़ा कारण है।
डॉ एआर पाल, आर्थोपेडिक सर्जन, बेली अस्पताल प्रयागराज

Posted By: Inextlive