तहसीलों में आवेदनों की भरमार रिपोर्ट के अभाव में नगर निगम नहीं जारी कर रहा प्रमाण पत्र बच्चों के अभिभावकों से लेकर तमाम अधिवक्ता भी हैं परेशान सर्वदलीय पार्षद पूर्व पार्षद जन कल्याण संस्थान की बैठक में भी उठा मुद्दा

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को बनाने में हो रही देरी से लोग काफी परेशान हैं। लोग अधिवक्ता और अधिवक्ता तहसील से लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम का चक्कर काट रहे हैं। इन सब के बीच नुकसान उन बच्चों के भविष्य का हो रहा जिनका प्रमाण पत्र बनाया जाना है। क्योंकि बगैर जन्म प्रमाण पत्र के स्कूलों में एडमिशन हो पाना मुश्किल हो गया है। इससे बच्चों के साथ अभिभावक भी काफी परेशान हैं। शनिवार को सर्वदलीय पार्षद पूर्व पार्षद जन कल्याण संस्थान की बैठक में भी यह मुद्दा गरमाया रहा। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम कार्यकारिणी समिति की उपाध्यक्ष सुनीता दरबारी ने की।

चक्कर काटने को मजबूर अभिभावक
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सैकड़ों लोग नगर निगम में आवेदन कर रहे हैं। रोजाना आवेदन के लिए लोग पहुंच भी रहे हैं। ज्यादातर आवेदन लोगों के द्वारा अपने-अपने अधिवक्ताओं के जरिए कराया गया है। अधिवक्ता बताते हैं कि जन्म प्रमाण पत्र में तहसील की भी रिपोर्ट लगती है। कुछ ऐसे भी केस हैं जिनके जन्म प्रमाण पत्र की डिटेल स्वास्थ्य विभाग से चाहिए। दोनों ही जगह पेंडेंसी काफी हो गई है। आवेदन के बावजूद स्वास्थ्य विभाग से न तो डिटेल मिल रही और न ही तहसील के जिम्मेदार आवेदन पर रिपोर्ट लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में बच्चों का एडमिशन कराने वाले क्लाइंट यानी अभिभावक परेशान हैं।

इस समस्या शनिवार को हुई सर्वदलीय पार्षद पूर्व पार्षद जन कल्याण संस्थान की बैठक में भी गरमाया रहा। नगर निगम कार्यकारिणी समिति की उपाध्यक्ष सुनीता दरबारी ने कहा कि लोग परेशान हैं और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह मसला आगामी सदन नगर निगम सदन की बैठक में उठाया जाएगा। वहीं कार्यकारिणी समिति के सदस्य शिवसेवक सिंह ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में एडमिशन नहीं हो पाने से बच्चों का भविष्य बर्बाद होगा। यदि जन्म प्रमाण पत्र बनाने में इसी तरह लेट-लतीफी रही तो मामले की शिकायत शीर्ष अफसरों और शासन से की जाएगी।

एक दर्जन से अधिक हमारे ही क्लाइंट है जिनके बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन कर रखा है। उनमें ज्यादातर लोगों के आवेद तहसील तो कुछ के स्वास्थ्य विभाग में फंसे हैं। अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई असर नहीं हो रहा है। क्लाइंट को बच्चों के एडमिशन के लिए प्रमाण पत्र जरूरी है, वह बार-बार सीट पर आ रहे हैं।
आशीष प्रताप सिंह, अधिवक्ता डिस्ट्रिक्ट कोर्ट

जन्म प्रमाण पत्र में बिलंब की समस्या बड़ी है। सबसे ज्यादा दिक्कत आवेदनों पर तहसील की रिपोर्ट में आ रही है। आवेदन तहसील में बोझ भर पड़े हैं। जब भी जाइए कर्मचारी कहते हैं कि आप अपना आवेदन ढेर में खोज लीजिए। किसी सूरत खोजने के बावजूद कुछ मिलते हैं तो कुछ नहीं मिल रहे। स्थिति काफी परेशान करने वाली है।
अखिल दुबे, अधिवक्ता डिस्ट्रिक्ट कोर्ट

Posted By: Inextlive