बिल जमा है फिर भी बीपी बढ़ा रहा नगर निगम
प्रयागराज ब्यूरो । टैक्स जमा करने के बाद भी नगर निगम बिल भेज कर भवन स्वामियों की बीपी बढ़ा रहा है। नगर निगम की रसीद देखते ही लोगों के पसीने छूट जा रहे हैं। यह रसीद कोरियर के जरिए भेजी जा रही है। रसीद को भेजने के लिए कोरियर को बकायदा नगर निगम पैसा देता है। जबकि शहर में प्रधान डाक घर मौजूद मौजूद है। यदि डाक घर से यही रसीदें लोगों तक भेजी जाय तो पैसे का रोना रोने वाले नगर निगम का काफी पैसा बच सकता है। हाउस टैक्स जमा होने के बावजूद जोन कार्यालय बिल भवन स्वामियों को क्यों भेज रहे हैं? इसके पीछे की वजह किसी के समझ में नहीं आ रही है। प्राप्त रसीद को लेकर पब्लिक नगर निगम का चक्कर काटने को मजबूर है। अपना काम धंधा छोड़कर लोग यह पता लगाने के लिए नगर निगम की परिक्रमा कर रहे कि जब बिल जमा है तो रसीद क्यों भेजी जा रही है।
डाक से भेजे रसीद तो बजेगा पैसा
अपनी तिजोरी भरने के लिए नगर निगम भवन स्वामियों की जेब काटने पर उतारू है। आईजीआरएस सर्वे में कई गुना हाउस टैक्स बढ़ा दिया गया था। शहर के करीब 92 हजार लोग इस बढ़े हुए हाउस टैक्स को लेकर टेंशन में आ गए थे। सभी इस बढ़े हुए टैक्स को लेकर नगर निगम की परिक्रमा कर रहे थे। सबसे ज्यादा परेशान वे थे जिनका मकान पुस्तैनी है और इनकम का श्रोत काफी कम है। भला हो नगर निगम सदन कि लोगों की इस समस्या को पार्षदों ने पुरजोर तरीके से उठाया था। मसले को लेकर हंगामा हुआ तो महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी सदन की डिमांड पर स्वकर प्रणाली लागू कर दिए। सदन में यह प्रस्ताव पास होने के बाद स्वकर व्यवस्था शहर में लागू हो गई। अब लोगों को यह अधिकार है कि वे अपने मकान का टैक्स खुद डिसाइड करेंगे। इसके लिए बाकायदे नगर निगम एक फार्म जारी कर रखा है। स्वकर निर्धारण की व्यवस्था पब्लिक की समझ नहीं आ रही थी। लिहाजा जोन कार्यालयों व वार्डों में कैंप लगाए जा रहे हैं। हजारों लोग अपने मकान का हाउस टैक्स जमा कर रखे हैं। फिर भी उन्हें नगर निगम बिल भेज रहा है। नगर निगम जोन तीन कार्यालय से हाउस टैक्स की रसीद तमाम लोगों को भेजी गई है। इनमें वह भवन स्वामी भी शामिल हैं, जिनका बिल जमा है। बिल जमा होने के बावजूद मिल रही नगर निगम की रसीद को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं। वह प्राप्त रसीद को लेकर नगर निगम का चक्कर काट रहे हैं। यह जानना चाह रहे कि आखिर बिल जमा है तो फिर रसीदें क्यों भेज रहे हैं। जिन्होंने हाउस टैक्स जमा कर दिया उन्हें रसीद जरिए कोरियर भेजने का मकसद क्या है? फिलहाल इस सवाल का जवाब नगर निगम जोन तीन जिम्मेदार भी नहीं दे पा रहे हैं। पब्लिक का कहना है कि ऐसे लोगों को हउस टैक्स की रसीद भेजकर नगर निगम लोगों का समय तो बर्बाद कर रही रहा, टेंशन भी दे रहा है।
डाक घर की इतनी उपेक्षा क्यों है साहब?
हमेशा पैसा का रोना रोने वाले नगर निगम के पास इतना पैसा नहीं कि वह योजनाओं का प्रचार प्रसार ठीक से कर रहे।
मगर हाउस टैक्स जमा कर चुके भवन मालिकों को जोन तीन के द्वारा कोरियर से बिल की रसीद भेजी जा रही है।
जबकि शहर में प्रधान डाकघर मौजूद है, जोन तीन कार्यालय के ठीक बगल भी कचहरी डाकघर मौजूद है।
डाक घर से रसीदें न भेजकर नगर निगम कोरियर से क्यों भेज रहा? जबकि कोरियर से भेजी जाने वाली रसीद पर पैसा अधिक खर्च होता है।
पब्लिक का कहना है कि यदि यही रसीद डाक घर के द्वारा भेजी जाय तो कोरियर पर खर्च होने वाला नगर निगम का काफी पैसा बच जाय।
लोगों का कहना है कि नगर निगम बिल भुगतान के बावजूद रसीद भेजकर टेंशन तो दिया ही जा रहा, नगर निगम पैसे की भी बर्बादी कर रहा है।
कहना है कि यदि डाक विभाग से नगर निगम रसीद की रजिस्ट्री भी करेगा तो पैसा सरकार के पास ही रहेगा। जो विकास के कार्यों पर खर्च होगा।
कोरियर ने लिया डाक का सहारा
यह जानकार हैरानी होगी कि नगर निगम कोरियर से रसीद लोगों को भेज रहा। सूत्र बताते हैं कि कोरियर के द्वारा नगर निगम के लिफाफा में बंद भेजी गई रसीद डाक घर के जरिए भेज दी गई है। दबी जुबान सम्बंधित कोरियर के लोगों का कहना है कि अब नगर निगम डाक से भेजी गई रसीद के पैसे का पेमेंट करने से मना कर रहा है। अब कोरियर जिम्मेदारों को टेंशन इस बात की है कि उनके द्वारा डाक से भेजी गई रसीद का पेमेंट नगर निगम करेगा या नहीं?
हाउस टैक्स के बकाएदारों को तो रसीद भेजी जा रही है। जिनका पैसा जमा है यदि उन्हें भी रसीद भेजी जा रही है तो ऐसी जानकारी नहीं है। जोन कार्यालयों से इस बात का पता लगाया जाएगा। जो पैसा जमा कर चुके हैं उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।
पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी