यह है 'लावारिस' बाइकों की पार्किंग
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प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइंस साइड पार्किंग में वर्षो से खड़े हैं कई लावारिस वाहन दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की पड़ताल से सच आया सामने vinay.ksingh@inext.co.in यहां ऐसी गाडि़यां भी पार्क होती हैं, जिनका कोई माई-बाप नहीं है। ऐसी भी गाडि़यां पार्क हैं जो बाइक के रूप में खड़ी हैं और वह नंबर किसी चार पहिया वाहन के नाम एलॉट है। संभव है कि इन गाडि़यों का वास्ता किसी क्राइम इंसीडेंट से हो। इसके बाद भी ये लावारिस डंप पड़ी हैं। वह भी जिम्मेदारों की नाक के नीचे। इसे कोई पूछने वाला नहीं है। शुक्रवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कबाड़ देखकर शुरू की पड़तालदैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा था प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइंस साइड में बने पार्किंग एरिया में। यहां तमाम गाडि़यां कबाड़ की तरह नजर आयीं। यह देखकर रिपोर्टर का दिमाग ठनका तो उसने पड़ताल करने का फैसला लिया। पता चला कि इस कॅमर्शियल पार्किंग का ठेका रेलवे की तरफ से उठाया जाता है। यहां गाडि़यों को रखने और उनसे पार्किंग शुल्क वसूल करने की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है। ठेका आलमोस्ट हर साल चेंज हो जाता है। इसके बाद रिपोर्टर ने पार्किंग में खड़े वाहनों पर नजर दौड़ायी और फिर बाइकों के नंबर को चेक करना शुरू कर दिया। परिवहन विभाग की तरफ से डेवलप किया गया एप रिपोर्टर ने डाउनलोड किया और उसने नंबर डालकर चेक करना शुरू कर दिया।
हमें शुल्क से मतलब है साहब इसमें पता चला कि एक स्प्लेंडर बाइक पर वैगनआर कार का नंबर लिखा हुआ था। एक पैशन बाइक पर पल्सर बाइक का नंबर मिला। एक बाइक पर स्कूटी का नंबर लिखा मिला। इसके साथ ही कई वाहनों के नंबर एम परिवहन एप से चेक करने पर गलत मिले। पर्ची काटने वाले कर्मचारी से पूछा गया तो उसने बताया कि उसे रसीद पर छपे शुल्क से मतलब है। कौन खड़ा कर रहा है, कौन नहीं इतना देखने व पूछने का समय नहीं होता है। सिर्फ पैसे से मतलब है। पार्किंग रेट लिस्ट 18 रुपये 12 घंटे का मोटरसाइकिल 24 रुपये 24 घंटे का मोटरसाइकिल 42 रुपये 12 घंटे का कार 59 रुपये 24 घंटे का कार 06 रुपये 12 घंटे का साइकिल 12 रुपये 24 घंटे का साइकिल यह है लवारिस बाइक का ब्योरा 16 लावारिस वाहन खड़े हैं सिविल लाइंस रेलवे स्टेशन साइड 05 लवारिस वाहन पर नहीं लिखे हैैं नंबर 04वाहनों का नंबर रिकॉर्ड नहीं कर रहा शो
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वाहन पर लिखे हैं दूसरे वाहनों का नंबर 01 वाहन बिहार जिले की कई वर्षो से है खड़ा 03 वाहन का पर लिखा है सही नंबर पर लेकिन कई साल से नहीं आ रहे लेने बढ़ रहा किराया, कौन देगा अब पाìकग के किराए पर गौर करें तो रेलवे की पाìकग में कई व्हीकल्स 2 वर्षो से खड़े हुए हैं। एक बाइक का एक दिन का पाìकग का शुल्क 24 रुपए निर्धारित है। ऐसे में एक महीने में 720 रुपये हो गया। अगर कोई वाहन के पाìकग में एक वर्ष से अधिक समय से खड़ा है तो उस तो पर 24 रुपए रोज के हिसाब से पाìकग हैं शुल्क आठ हजार छह सौ चालीस रुपये से अधिक हो जाएगा। ऐसे में पार्किंग के स्टॉफ का कहना है कि आखिर यह कौन किराया देगा। जबकि एक नहीं 16 लवारिस बाइक है। जिनका किराया एक लाख से अधिक का हो जाता है। बिहार तक के खड़े हैं वाहनइस रेलवे स्टेशन पार्किंग पर बिहार तक की बाइक कई सालों से खड़ी है। जबकि बाइक की कंडीशन आज भी काफी अच्छी है। यह बाइक हीरो होंडा कंपनी की सिटी 100 बाइक है। इन बाइकों को देखकर तमाम सवाल उठ रहे है। आखिर यह बाइक यहां कौन लाया? किसकी है?? इतने अच्छे कंडीशन की बाइक क्यों छोड़कर चला गया। क्या पता किसी बड़ी घटना का खुलाया भी हो सकता है।
इन वाहनों के बारे में कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया है। इनमें से कुछ वाहन कई सालों से खड़ी है। वहीं कुछ वाहन छह महीने से ऊपर हो चुका है। कोई पूछने तक नहीं आता है। राजू पार्किंग स्टॉफ, प्रयागराज जंक्शन मामला संज्ञान में आया है। चेक कराया जाएगा। कौन से वाहन कितने दिनों तक पार्किंग स्थल पर खड़े हैं। कोई वाहन दूसरे नंबर का यूज करके खड़ा किया है तो उस पर रेलवे विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसमें लापरवाही पाìकग स्थल वालों की मिलती है तो उनको भी बख्शा नहीं जाएगा। अमित सिंह पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रिपोर्टर के पूछने पर आरपीएफ के जिम्मेदार अधिकारी का कहना था कि यह कामर्शियल टेंडर है। इस पर स्टेशन मास्टर ही बता पाएंगे। वहीं स्टेशन डायरेक्टर अनूप सक्सेना से बात करने पर उन्होंने सीधे-सीधे पल्ला झाड़ लिया। कहा कि रेलवे पीआरओ से बात करें।