बाहर से आकर अपराधी भी आप के घर में ले सकते हैं किराए पर कमरा जरूर कराएं सत्यापनघर बैठकर खुद से किराएदार सत्यापन के लिए कर सकते हैं आवेदनघरों में बाहरी व्यक्तियों को किराए पर रखना शहर में बिजनेस का रूप ले चुका है. किराए से होने वाली आय के चक्कर में बगैर जांच पड़ताल के किराएदार रखना आफत को मोल लेने से कम नहीं है. नैनी का पंकज सिंह यदि किराएदार का सत्यापन कराया होता तो आज जेल जाने की नौबत नहीं आती. सत्यापन में पता चल जाता कि वह जिसे किराए पर रूम दे रहा वह अंतरराज्यीय जैकी गैंग का सरगना है. उसकी हरकतों के बारे में मालूम चलने के बावजूद पुलिस को खबर देने के बजाय वह खुद गैंग में शामिल होकर कमीशन लेने लगा था. किराएदारों के सत्यापन में यदि थाना पुलिस भी दिलचस्पी दिखाई होती तो नैनी इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिस कर्मी कार्रवाई से बच गए होते. इस हालात से बचने के लिए मकान मालिक घर बैठे किराएदार का सत्यापन करा सकते हैं. ऑनलाइन किए गए आवेदन पर पुलिस खुद किराएदार के चाल व चरित्र को सत्यापित करके सूचना भेज देगी. इतनी सरल व्यवस्था के बावजूद किराएदारों को रखने वाले मकान मालिक सत्यापन कराने से भाग रहे हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। गैर जनपद ही नहीं प्रदेशों से भी यहां पढ़ाई से लेकर नौकरी व बिजनेस व्यापार के लिए लोग आते हैं। ऐसे लोगों का यहां मकान होता नहीं। लिहाजा वह रहने के लिए किराए पर रूम लेकर रहने लगते हैं। उन्हें किराए पर रखते समय मकान मालिकों द्वारा उनका सत्यापन तो दूर, पुलिस को सूचना तक देना उचित नहीं समझा जाता। इतना ही नहीं मकान मालिक किराएदारों का आधार व उनकी क्षवि के बारे में भी पता नहीं लगाते। इसका फायदा उठाकर शातिर किस्म के अपराधी भी यहां आराम से रूम लेकर रहने लगते हैं। किराए के रूम में रहकर उनके जरिए यहां आपराधिक घटनाओं को अंजाम दी जाती है। इस बात का उदाहरण नैनी में पंकज सिंह के घर में किराए पर रहने वाला पकड़ा गया जैकी गैंग है। पुलिस द्वारा किए गए इस खुलासे से हर मकान मालिक को सबक लेते हुए किराएदारों का सत्यापन कराना चाहिए। किराएदार सत्यापन के लिए किसी को भी पुलिस या थाने का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के एक्सपर्ट सत्यापन की ऑनलाइन प्रक्रिया बताते हैं। वह कहते हैं कि इसके लिए मकान मालिकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

यूपी कॉप पर है आवेदन सुविधा
एक्सपर्ट बताते हैं कि किराएदारों का सत्यापन कराने के लिए मकान मालिकों को अपने मोबाइल पर यूपीकॉप डाउनलोड करना होगा
इसे डाउनलोड करके मोबाइल पर खोलते ही सबसे ऊपर वर्किंग बॉक्स पर क्लिक करना होगा
इसमें तमाम तरह के ऑप्शन दिए स्क्रीन पर आते हैं जिसमें किराएदार सत्यापन प्वाइंट पर क्लिक करना होगा
इस पर क्लिक करते ही एक फार्मेट खुलता है जिसमें मकान मालिक को अपना व किराएदार की डिटेल फिल करके ओके कर दें
इतना करने के बाद आप का काम खत्म और पुलिस का काम पर लग जाएगी, पुलिस किराएदार के मूल जनपद व थाने से ऑनलाइन उस शख्स की डिटेल लेगी
उसके खिलाफ कोई गंभीर मुकदमा होगा तो पुलिस उसका कोई जवाब ही नहीं देगी या फिर कैंसिल लिखकर आ जाएगा


आफलाइन भी करा सकते हैं सत्यापन
ऑफलाइन किराएदारों का सत्यापन कराना चाहते हैं तो मकान मालिक को किराएदार का आधार और फोटो लेना होगा
उसके आधार और फोटो के साथ अपना आधार लगाकर किराएदार सत्यापन के लिए अपने थाने पर अप्लीकेशन देना होगा
प्राप्त अप्लीकेशन के आधार पर थाना पुलिस उसके जनपद व थाने की पुलिस से संपर्क कर सम्बंधित किराएदार के क्राइम रेकार्ड को खंगाल लेगी
यदि उसके खिलाफ कोई मुकदमा होगा तो वहां की पुलिस आपके थाने को रेकार्ड दे देगी। किराएदार आपराधिक छवि का है या नहीं इस तरह से मकान मालिक को पता चल जाएगा

किराएदारों का सत्यापन कराना मकान मालिकों के हित में है। लोग किराएदार रखते समय उसकी छवि व उसके बारे में जानना उचित नहीं समझते। यही गलती मकान मालिकों को कभी कभार जेल तक पहुंचा देती है। किराएदारों को रखें तो उसका सत्यापन जरूर कराएं और आधार कार्ड आदि लेकर पुलिस थाना व चौकी को भी खबर दें।
सतीशचंद्र, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive