स्ट्रीट डॉग से रहें सावधान
प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के ज्यादातर मोहल्लों व सड़कों पर बड़ी संख्या में स्ट्रीट डाग घूम रहे हैं। रात के वक्त झुंड में घूमते रहते हैं। लेकिन रात में तेज रफ्तार बाइक व साइकिल सवारों को यह दौड़ा लेते हैं। ऐसे में अक्सर यात्री डर के मारे में भागने में गिर कर चोटिल हो जाते हैं। कुछ किसी तरह बच कर निकल जाते हैं, पर कई लोग ऐसे हैं जिन्हें यह जख्मी कर देते हैं.काल्विन हॉस्पिटल करेली और धूमनगंज, खुल्दाबाद, चौकी आदि एरिया के जख्मी लोगों तो आराम से पहुंच जाते हैं। यहां इंजेक्शन लगवाने के लिए जाने में सबसे ज्यादा दिक्कत तेलियरगंज, अल्लापुर, मम्मफोर्डगंज, गोविंद्रपुर, राजापुर, अशोकनगर, कटरा के लोगों को रही है। ऐसे में इन क्षेत्रों के लोग को कुत्ता काटने प्राइवेट हॉस्पिटल की शरण ले रहे हैं। जख्मी लोगों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट हॉस्पिटल के लोग खूब उठा रहे हैं। यहां एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने के नाम पर हजार से डेढ़ हजार रुपये लिए जा रहे हैं।
इन क्षेत्रों में आंतक ज्यादा
म्योहाल से तेलियरगंज रोड, अल्लापुर, मम्फोर्डगंज, यूनिवर्सिटी रोड, तेलियरगंज से गोविंदपुर रोड, चौफटका के आगे धूमनगंज रोड, खुल्दाबाद करेली रोड, करेली 60 फीट रोड पर स्ट्रीट डॉग का खतरा सबसे ज्यादा है। रात में इन कुत्तों के शिकार तमाम लोग बेली हॉस्पिटल में इलाज व इंजेक्शन लगवाया करते थे। मगर, इस हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के लिए पूरी तरह आरक्षित कर दिए जाने के बाद यहां इलाज के सारे काम बंद हो गए हैं। ऐसे में कुत्तों के जरिए जख्मी किए गए लोगों को काल्विन जाना पड़ रहा है।
रात में यदि डॉग दौड़ाए तो गाड़ी की स्पीड बढ़ाने के बजाय धीमी कर दें
गाड़ी की स्पीड स्लो करने के बाद तेज आवाज में उसे डांट दें, इससे डॉग आप की तरफ आगे नहीं बढ़ेगा
डॉक्टर कहते हैं कि कुत्ते के दांत से यदि खरोंच लग जाय तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
क्योंकि जब तक उसके दांत शरीर के ब्लड से टच नहीं होगा, किसी को कोई दिक्कत नहीं होगा
यदि कुत्ते ने काट लिया है और दांत गडऩे से ब्लड निकलने लगा है तो इंजेक्शन जरूर लगवा लें
जानिए कहां पर है इंजेक्शन के इंतजाम
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले ग्रामीण इलाकों में स्थित कुल 20 सीएचसी पर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने का पूरा इंतजाम है। यह इंजेक्शन शहर के काल्विन हॉस्पिटल में भी लगता है। बेली हॉस्पिटल में इलाज बंद है तो, घायल लोग काल्विन हॉस्पिटल जाकर इंजेक्शन लगवा सकते हैं। वहां पर यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। बताया गया कि काल्विन में पहले कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या प्रति दिन बीस से 25 तक हुआ करती थी। काल्विन के डॉक्टर कहते हैं कि पिछले दो तीन दिनों से खराब मौसम के कारण लोग रात में बहुत नहीं घूम रहे। ऐसे में कुत्तों के काटने से घायलों की संख्या काल्विन में भी बहुत नहीं बढ़ी है।
डॉ। नानक शरण, मुख्य चिकित्साधिकारी