नेशनल आडिट फेडरेशन के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभराष्ट्रीय लेखा परीक्षा महासंघ के 12वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज गुरुवार को हुआ. प्रधान महालेखाकार बीके मोहंती ने दीप प्रज्जवलित करके प्रोग्राम का शुभारंभ किया. सरस्वती सभागार में आयोजित प्रोग्राम में पीएजी के अलावा अमोल कुमार दास जयशंकर कुमार एवं अरुण कुमार ने सम्बोधित किया. उद्घाटन सत्र में शासन और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सीएजी की भूमिकाओं और कार्यों के आधार पर उच्चीकृत करना विषय पर संगोष्ठी भी हुई. चीफ गेस्ट श्री मोहंती ने कहा कि ऑडिट कर्मियों को कामकाज में आने वाले बदलाव के लिए तैयार रहना होगा. लेखा परीक्षकों के रूप में अपनी भूमिकाओं को पूरा करने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत पर उन्होंने कई उदाहरण भी दिये.


प्रयागराज (ब्यूरो)। महासचिव जयशंकर कुमार ने कहा कि अब लेखा परीक्षा विभाग व्यवस्था में शासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसलिए, लेखापरीक्षा को अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करना होगा और नई चुनौतियों को स्वीकार करना होगा। उन्होंने ऑडिट के दायरे को बढ़ाने के लिए डीपीसी एक्ट में बदलाव, सूचना प्रौद्योगिकी ऑडिट के लिए तैयार करने की आवश्यकता और ऑडिट कर्मचारियों की स्थिति में सुधार जैसे कई सुझावों की ओर इशारा किया। मुख्य संरक्षक अरुण कुमार ने कहा कि प्रशासन और संघ दोनों को राष्ट्रहित में काम करना है। उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथियों का अभिनंदन किया गया। दिवंगत आत्माओं की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया।इन मांगों पर होगी चर्चाभारत के सीएजी का व्यापक जनादेश और कार्यक्षेत्रकर्मचारियों की कमीकरियर में ठहराव और प्रमोशन में देरीदीर्घकालिक योजना का कार्यान्वयन
नेशनल पेंशन सिस्टम में कमियां और न्यूनतम लाभ का आश्वासन

Posted By: Inextlive