- भीषण उमस और गर्मी से परेशान लोगों को है बारिश की दरकार- धान की फसल भी हो सकती है प्रभावित अब तक बरस जाना चाहिए पानी- कम प्रेशर से प्रभावित हो रही है पेयजल की सप्लाई70 फीसदी से अधिक हो रही है आद्र्रता 664 छोटे बड़े नलकूप से शहर में होती है पानी की सप्लाई1.57 लाख हेक्टेयर जमीन पर होती है धान की खेती

प्रयागराज ब्यूरो । लाखों लोगों को बारिश की पहली फुहार का इंतजार है। मानसून को अब तक दस्तक दे देनी चाहिए थी लेकिन अभी तक आसमान से काले बादल नदारद हैं। पानी नही बरसने से लोग गर्मी और भीषण उमस से परेशान हो रहे हैं। धान और दलहन की फसल भी प्रभावित होने की कगार पर आ सकती है। पेयजल की सप्लाई भी पानी की कमी से लगातार बाधित हो रही है।
पसीना पसीना हो रहे लोग
20 दिन लंबा नौतपा झेलने के बाद लोगों को तापमान से हल्की राहत मिली तो उमस ने अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया। भीषण आद्र्रता होने की वजह से लोग पसीना पसीना हो रहे हैं। इससे डिहाइड्रेशन होने की ंसभावना बढ़ रही है। अस्पतालों में लोग चक्कर खाकर पहुंच रहे हैं। हाथ पैरों में दर्द बना हुआ है। लोगों का कहना है कि बारिश होने लगे तो उमस से छुटकारा मिल जाएगा। बता दें कि वर्तमान में आद्र्रता 70 फीसदी से अधिक हो रही है। ऐसे में बारिश होना बेहद जरूरी है।
धान की बेहन कैसे होगी तैयार
बारिश होने के बाद धान की फसल की तैयारी शुरू हो जाएगी। अभी धान की बेहन तैयार की जा रही है। लेकिन इसके लिए पानी की जरूरत है। किसानों को मानसूनी बारिश का बेसब्री से इंतजार है। उनका कहना है कि बेहन तैयार होने के बाद ही धान की फसल की बुवाई होगी। बता दें कि जिले की 2.17 लाख में से 1.57 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की जाती है। किसानों का कहना है कि एक से दो दिन में बारिश हो जानी चािहए।
भूगर्भ जल को चाहिए आसमान का पानी
दूसरी ओर घरों में पेयजल की सप्लाई तेजी से प्रभावित हो रही है। प्रयागराज शहर पहले से अतिदोहित एरिया में आता है और यहां भूगर्भ जल का स्टेटस गर्मी में काफी नीचे चला जाता है। घरों में लगे 70 फीसदी सबमर्सिबल पंप पहले से सूख चुके हैं। इसके अलावा जलकल विभाग द्वारा 664 छोटे बड़े नलकूप से शहर में पानी की सप्लाई की जाती है। लेकिन इनमें से 50 फीसदी में पानी का स्टेटस नीचे जाने से प्रेशर की समस्या आ रही है। हजारों घरों में सप्लाई का पानी बमुश्किल पहुंच रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बारिश होने के बाद भूगर्भ जल में काफी राहत मिलेगी।
अब तक हो जानी चाहिए थी बारिश?
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले दो से तीन दिन में मानसून को दस्तक दे देनी चाहिए। क्योंकि पहले बीस जून तक बारिश होने की संभावना जताई जा रही थी और अब यह डेट बढ़कर 27 से 28 जून पहुंच गई है। उनकी माने तो मानसून अभी सोनभद्र के आसपास ही अटका हुआ है। इसके अलावा कुशीनगर और वाराणसी के रास्ते आने वाला मानसून भी बिहार को क्रास नही कर सका है। ऐसे में मानसून के यूपी में प्रवेश करने में देरी हो रही है। हालांकि प्री मानसून बारिश हो रही है लेकिन उससे उमस लगातार बढ़ रही है।
अब तक मानसून आ जाना चाहिए था लेकिन कुछ देर हो रही है। यूपी के बार्डर पर ही मानसून अटका हुआ है। परिस्थितियों के अनुसार 28 जून तक यूपी में बारिश शुरू हो जानी चाहिए£
सिद्धार्थ मिश्रा, वेदर एक्सपर्ट

अधिक पसीना निकलने से बॉडी
डिहाइट्रेड होने लगती है£ इस सीजन में ऐसा हो रहा है। आद्र्रता बढऩे से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है£ लोगों को बेहोशी और चक्कर की शिकायत हो रही है।
डॉ£ डीके मिश्रा, फिजीशियन

धान की बेहन तैयार करने में पानी की जरूरत होती है£ लेकिन हमारे पास इंतजाम है£ अगर मानसून थोड़ा और लेट भी होता है तो धान की फसल पर अधिक असर नही पडऩे दिया जाएगा£
सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, डीडी एग्रीकल्चर विभाग प्रयागराज

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Posted By: Inextlive