बैंकों का मर्जर, कर सकता है टार्चर
- बैंकों के विलय के बाद एक अप्रैल से चेंज होगा आईएफएससी कोड, लापरवाही पर नहीं कर सकेंगे लेन-देन
- एकाउंट अपडेट नहीं किया तो इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग हो जाएगी बंद बैंकों के मर्जर के बाद इनके ग्राहकों को एलर्ट रहना होगा। अगर लापरवाही की तो एक अप्रैल से लेन-देन में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इन ग्राहकों के एकाउंट नंबर में तो कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन आईएफएससी कोड बदल जाएंगे। खुद बैंक इसकी जानकारी ट्वीट और अन्य माध्यमों के जरिए ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं। कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों तक एक अपै्रल से पहले सूचना पहुंचा दी जाए। छह सरकारी बैंकों का हुआ मर्जरकेंद्र सरकार ने 2019 में छह सरकारी बैंकों को चार बड़े बैंकों में मर्ज किया था। इसके बाद देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 हो गई थी। मर्जर में ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया को पीएनबी, सिंडिकेट बैंक का मर्जर इंडियन बैंक और आंध्रा बैंक व कारपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक आफ इंडिया में किया गया था। इसके पहले विजया बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में मर्जर किया गया था।
ये होंगे बदलाव- किसी बैंक का मर्जर हो रहा है तो अकाउंट नंबर में कोई बदलाव नहीं होगा।
- पुराने आईएफएससी कोड बदल दिए जाएंगे। - पुराने बैंक का चेक बुक भी काम का नहीं रह जाएगा। - इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग भी बदल जाएगा। - पुराने बैंक का मोबाइल ऐप और इंटरनेट बैंकिंग काम नहीं करेगा। - कई बैंकों के लिए यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ग्राहकों से अपील की जा रही है कि वे अपने लिए नया आईएफएससी कोड अपडेट करा लें - पुराने कोड और पुराना ऐप किसी काम का नहीं रह गया है। ट्वीट कर दे रहे जानकारी बैंक अपने नए ग्राहकों को ट्वीट कर जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कैसे अपना नया आईएफएससी कोड जान सकते हैं। कई तरीकों से पता करें कोड यूनियन बैंक आफ इंडिया की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर amaigamation center पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अपडेट आईएफएससी कोड जान सकेंगे। कस्टमर केयर नंबर 18002082244 या 18004253555 पर कॉल कर सकते हैं। मैसेज पर ifsc