ट्रेडिशनल पर पाबंदी, ग्रीन पटाखों को ओके
प्रयागराज (ब्यूरो)। दीपावली आते ही शहर से गांव तक पटाखा मार्केट सज जाती है। ज्यादातर मोहल्लों में दुकानें सज भी चुकी हैं। लेकिन, काम चोरी-छिपे हो रहा है। इंतजार है प्रशासन की तरफ से जारी होने वाली गाइडलाइन और लाइसेंस का ताकि इसे बिना किसी रोक टोक के बेचा जा सके। इस मर्तबा पाल्यूशन रोकने के लिए शासन स्तर से कई ठोस कदम उठाए गए हैं। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल) द्वारा सख्त गाइड लाइन जारी की गई है। इन्हीं सारी बातों को लेकर सोमवार दोपहर अफसरों द्वारा बैठक की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि अबकी ट्रेडिशनल पटाखों को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल एक्यूआई (एयर क्वालिटी इजिबिलिटी) के मानक को पूरा करने वाले ग्रीन पटाखे ही दुकानदार बेच सकेंगे। कंपनी मेड इन ग्रीन पटाखों में पाल्यूशन फैलाने वाले रासायनिक पदार्थों का मिश्रण नहीं होगा।
पॉल्यूशन बढ़ा तो लाइसेंस होगा निरस्त
धनतेरस के एक दो दिन पहले से ही जगह-जगह शहर में लगाए गए उपकरण से एयर क्वालिटी को चेक किया जाएगा। जिस भी दिन एयर पाल्यूशन का पारा बढ़ा हुआ मिलेगा, उसी रोज से पटाखा बेचने के दुकानदारों को दिए गए सारे आदेश स्वत: निरस्त माने जाएंगे। जिस भी दुकान पर ट्रेनिशनल पटाखे चेकिंग में मिलेंगे उस दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। कार्रवाई तो उनके खिलाफ भी होगी जो दुकानदार एयर पाल्यूशन बढऩे की नोटिस के बावजूद पटाखों की बिक्री करेंगे। निर्णय यह भी लिया गया है कि किसी भी नए आवेदक को पटाखा बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दुकान लगाने के आदेश उन्हीं को मिलेंगे जो पिछले कई वर्षों से यह व्यापार करते आ रहे हैं।
ट्रेडिशनल व ग्रीन पटाखे में अंतर
ट्रेडिशनल पटाखा उसे कहते हैं जो लोकल मार्केट में तैयार किये गये होते हैं और बनाने वाला बता नहीं सकता कि यह कितना इनवायरमेंट फ्रेंडली है
ट्रेडिशनल पटाखों में बारुद के साथ केमिनल मिलाने का औसत सही यूज नहीं होता इससे धुआं ज्यादा फैसला है तो सांस के मरीजों के लिए काल जैसा होता है
इन पटाखों से वायु के साथ ध्वनि प्रदूषण अधिक फैलता है।
ग्रीन पटाखों में मानव जीवन को खतरा पहुंचाने वाले तत्व नहीं होते।
कंपनियां पटाखों को बनाते वक्त हार्मफुल चीजों का इस्तेमाल या तो नहीं करतीं या फिर बेहद कम करती हैं।
ग्रीन पटाखों में कंकड़, शीशे जैसी चीजें भी डालने की अनुमति नहीं होती।
कंपनी इन तमाम मानकों के तहत पटाखे बना रही है या नहीं, इस बात की भी बराबर जांच पड़ताल जिम्मेदारों द्वारा होती रहती है।
किसी नए जगह नहीं लगेगी मार्केट
दीपावली पर पटाखा बिक्री को लेकर हुई बैठक में एक और सख्त निर्णय लिया गया है।
इस बार शहर से गांव तक कहीं भी पटाखा की नई मार्केट के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
पटाखा मार्केट लगाने की अनुमति वहीं मिलेगी जहां पर पिछले वर्षों में लगाई गई थी।
इस मार्केट के अतिरिक्त बगैर लाइसेंस एक भी दुकानदार पटाखा नहीं बेचेगा।
यदि बगैर लाइसेंस गांव गली अथवा छोटी मार्केट में दुकानदार पटाखा बेचते मिले तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आज से कर सकते हैं व्यापारी आवेदन
पटाखा बेचने के लिए परमिशन के आवेदन का इंतजार भी सोमवार मीटिंग के बाद खत्म हो गया। व्यापारी पटाखा बेचने का लाइसेंस लेने के लिए आज यानी मंगलवार से आवेदन कर सकेंगे। लाइसेंस के लिए आवेदन की सारी प्रक्रियाएं पिछले वर्षों की तरह ही रहेगी। इसमें किसी नए कागजात को सबमिट करने की न तो जरूर है और न ही आदेश।
आज से दुकानदार पटाखा लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। जारी किए जाने वाले लाइसेंस को लेकर मीटिंग में मसौदा तैयार कर लिया गया है। लाइसेंस होल्डर दुकानदारों को भी सभी नियमों का पालन करना होगा।
एके कनौजिया एडीएम सिटी