बैन सही, विकल्प भी तो दें
प्रयागराज (ब्यूरो)। साइज में बेहद छोटा होने के बाद भी इन का इंपार्टेस बड़ा है। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के तहत इनका उपयोग बंद हो जाएगा। ऐसे में इनका विकल्प तलाशना बड़ा चैलेंज है। कम पैसे में खाने पीने की चीजों को प्रोटेक्ट करने के साथ अन्य चीजों की उपलब्धता आने वाले समय में मुश्किल साबित हो सकती है। इसी को लेकर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने खास कैंपेन की शुरुआत की है। आखिर क्या-क्या नुकसान है।
कैसे निकलेगा हल
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने मार्केट में इन छोटे चीजों की बिक्री करने वाले दुकानदारों से बातचीत की। सबसे पहले टीम गुब्बारा की दुकान पर जा पहुंची। वहां बैठे दुकानदार आनंद सेठ ने बताया कि हर एक फंक्शन में गुब्बारा से सजावट होती है। गुब्बारा रबर का है लेकिन इसकी पैकिंग पॉलिथिन मॅटिरियल की है। कास्टिंग कम करने के लिए लो लेवल का मॅटिरियल यूज किया जाता है। डिमांड पर तो असर आए नहीं लेकिन, खुले में मंगाने से लेकर बेचने तक में दिक्कत आयेगी। पैकिंग में माइक्रॉन सौ से अधिक कर दिया जाता है तो कास्ट बढ़ जायेगी। उसके बाद टीम प्लास्टिक स्टिक वाले इयर बड्स की दुकान जा पहुंचे। वहां मौजूद दुकानदार काजू राय ने बताया कि इसके हट जाने पर कोई विकल्प नहीं है। स्ट्रॉ, प्लास्टिक के झंडे बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि स्ट्रॉ के जरिए बड़े हो या बच्चे, हर कोई आसानी से नारियल पानी, फ्रूटी, मिल्क शेक व अन्य लिक्विड आईटम नहीं पी सकता है। यह लोगों की हैबिट में शामिल हो चुका है। कैंडी स्टिक और आइस्क्रीम स्टिक बेचने वालों ने बताया कि देखते हैं कंपनी वाले क्या विकल्प देते हैं। हमारा रोल तो बेचने का है।
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में पर्यावरण अफसर उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। यह प्लास्टिक उत्पाद लंबे समय तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते है। इसमें सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर आदि शामिल है। यही नहीं सिंगल यूज प्लास्टिक न आसानी से नष्ट होता है, न रिसाइकिल होता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आरके सिंह बताते है कि इस प्लास्टिक के नैनो कण घुलकर पानी और भूमि को प्रदूषित करते हैं। जलीय जीवों को तो नुकसान पहुंचाते ही है, नाले चोक होने का भी कारण है।
1 जुलाई इन चीजों के इस्तेमाल पर होगी मनाही
प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक
प्लास्टिक के झंडे
कैंडी स्टिक
आइस्क्रीम स्टिक
सजावट वाले थर्माकोल
प्लास्टिक प्लेट, कप
प्लास्टिक पैंकिंग आइटम
प्लास्टिक के इनविटेशन कार्ड
सिगरेट के पैकेट
100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक और पीवीसी
प्लास्टिक कप
प्लेट
गिलास
कांटा
चम्मच
चाकू
स्ट्रॉ,
ट्रे
मिठाई के डिब्बे
सिंगल यूज पालिथिन या प्लास्टिक इनवायरमेंट के लिए बेहद खतरनाक है। यह न आसानी से नष्ट होता है, न रिसाइकिल होता है। नालों के चोक होने का बड़ा कारण बनता है। इसीलिए बैन किया गया है। इस पर सख्ती से अमल भी होगा।
उत्तम कुमार वर्मा, पर्यावरण ऑफिसर, नगर निगम सिंगल यूज प्लास्टिक के नैनो कण घुलकर पानी और भूमि को प्रदूषित करते हैं। जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाते ही हैं। यह हमारी धरा के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं। इसीलिए इस बार पूर्ण बैन लगाने का फैसला हुआ है।
आरके सिंह
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी