महंत नरेंद्र गिरि ब्रह्मलीन मृत्यु होने के बाद श्री मठ बाघम्बरी गद्दी व लेटे हनुमान मंदिर की व्यवस्था में अंदरखाने बदलाव शुरू हो गया है. मठ व मंदिर से नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि की फोटो हटा दी गई है. जो नई फोटो लगी है उसमें कुछ जगह मठ के नए महंत बलवीर गिरि भी नजर आ रहे हैं. यही नहीं मठ व मंदिर में हरिद्वार से आए बलवीर गिरि के करीबी महात्माओं का दखल बढ़ गया है. हर प्रमुख कार्य में उनकी रोक-टोक होती है. मंदिर में श्रृंगार कराने से लेकर प्रसाद वितरण तक बलवीर के करीबी महात्माओं का आदेश सर्वोपरि होता है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को संदिग्ध अवस्था में फांसी लगा लिया था। नरेंद्र गिरि की शोडषी पर पांच अक्टूबर को बलवीर गिरि का मठ के महंत के रूप में पट्टाभिषेक हुआ। महंत का पट्टाभिषेक होने के बाद बलवीर पहली बार मंगलवार की शाम बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर आए। हनुमान जी की आरती करके नरेंद्र गिरि की गद्दी पर आसीन हुए। नरेंद्र गिरि के गुरु हरगोङ्क्षवद पुरी व केशव पुरी ने बलवीर को आशीर्वाद दिया। मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि व पुजारियों ने उनका स्वागत किया। बलवीर ने मंदिर की व्यवस्था पर चर्चा किया। बलवीर के रुख व उनके करीबी महात्माओं की सक्रियता से लग रहा है कि आने वाले दिनों में व्यवस्था में व्यापक बदलाव होगा।

Posted By: Inextlive