18 बसंत भी नहीं देखे थे युवती ने आन द स्पॉट हुई दोनों की मौतएक ही गांव के होने के चलते लड़के के परिवार को मंजूर नहीं था शादी के बंधन में बंधनाइस रिश्ते को कानून भी न तो मंजूरी देता और न ही संरक्षण. कारण लड़की का नाबालिग होना था. सामाजिक मंजूरी इसलिए नहीं मिली क्योंकि दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे. इश्क में साथ जीने की सौगंध ले चुके युगल को परिवार का साथ नहीं मिला और उनका चोरी छिपे मिलना समाज के सामने आ गया और डांट पड़ी तो दो बर्दाश्त भी नहीं कर पाये. दोनों ने जीने का रास्ता खोजने के स्थान पर जान दे देने को ही विकल्प मान लिया और ट्रेन के सामने कूद गये. दोनो की आन द स्पॉट मौत हो गयी. इसकी सूचना से मृतकों के परिवार के साथ ही गांव के लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गयी. पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने पूरा सच बता भी दिया. इसके बाद पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

प्रयागराज ब्यूरो । घटना यमुनानगर इलाके के करछना थाना क्षेत्र के बसरिया गांव की है। मृतकों का नाम 22 वर्षीय रूपचंद और 17 साल की सबिता (काल्पनिक नाम) बताया गया है। दोनों ने शाम के वक्त गांव के पास से गुजरी डीएफसी लाइन (डेडीकेटेड फ्रेड कारीडोर) के ट्रैक पर मालगाड़ी के सामने छलांग लगा दी। टाइमिंग ऐसी थी कि उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला और न ही कोई बचाव में कुछ कर सका। ट्रेन गुजर गयी तो दोनों की बॉडी सामने पड़ी थी। दोनों दम तोड़ चुके थे।

पब्लिक की सूचना पर पहुंची पुलिस
मृतक रूपचंद बसरिया गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद का बेटा था। सबिता पटेल गांव के ही स्व। लालचंद्र की बेटी थी। छानबीन में पुलिस को मालूम चला कि सबिता के पिता की मौत महीने भर पहले ही ट्रेन की चपेट में आने से हो चुकी है। मां पहले ही बीमारी के चलते दम तोड़ चुकी थीं। उसका एक भाई है जो उससे छोटा है। सबिता की देखरेख उसके चचेरे भाई ही किया करते थे। रूपचंद के पिता राजेंद्र प्रसाद के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटा और एक बेटी है। पुलिस के मुताबिक पहले मां फिर पिता की मौत के बाद सबिता को चचेरे भाई बहुत डांटते फटकारते नहीं थे। पूरा परिवार मिलकर उसे सहारा देने में लगा हुआ था। इससे जिंदगी हंसी-खुशी आगे बढ़ रही थी।

सहानुभूति से गहरा हुआ इश्क का रंग
सबिता और रूपचंद एक ही गांव के थे और पहले से एक-दूसरे को जानते थे। सूत्र बताते हैं कि सबिता के सर से मां के बाद पिता का साया उठा तो वह अकेली और गुमसुम सी रहने लगी थी। रूपचंद ने उसे सहारा दिया और सहानुभूति जतायी तो दोनो एक दूसरे के क्लोज होते चले गये। दोनों मिलने जुलने लगे और एक दूसरे से बातें करने लगे। यह बात जब तक उसका पिता जिंदा था किसी को मालूम नहीं थी। पिता की मौत के बाद दोनों का इश्क लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, कोई खुलकर दोनों को कुछ नहीं कर रहा था। कानो-कान यह बातें सबिता के चचेरे भाईयों तक पहुंच चुकी थी। उन्होंने रूपचंद के साथ कभी सबिता को पकड़ा नहीं था तो इन चर्चाओं को सीरियसली नहीं लिया।
साथ देख लिया तो सुनाई खरी खोटी
शनिवार सुबह दोनों को एक साथ घर वालों ने देख लिया। रूपचंद के साथ सबिता को देखकर परिवार के लोगों ने उन्हें डांट दिया। इसकी शिकायत रूपचंद के पिता तक पहुंचा दी गयी। अपनों के द्वारा लगाई गई डांट उन्हें इश्क की राह में रोड़ा लगने लगी। शाम करीब चार बजे दोनों गांव के पास रेलवे ट्रैक पर जा पहुंचे। मालगाड़ी के सामने कूद कर जान दे दिए। प्रेमी युगल के सुसाइड की खबर सुनते ही एसीपी करछना अजीत प्रताप ङ्क्षसह चौहान, एसडीएम गणेश कनौजिया के साथ एसओ करछना टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पूछताछ और छानबीन के बाद दोनों की बॉडी को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। इश्कबाजी में सुसाइड करने वाले दोनों युगलों के परिजन इस सम्बंध में खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

पूछताछ में लोगों द्वारा यह बताया जा रहा कि दोनों एक दूसरे से इश्क करते थे। इस बारे में दोनों के परिजन कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया गया है। अभी किसी भी पक्ष की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिली और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ सस्पेक्टेड आया तो आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।
विश्वजीत ङ्क्षसह
एसओ, करछना

Posted By: Inextlive