घरेलू संबंध रखने वाले की हरकत से भरोसे व विश्वास को धक्का

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि घर में आने-जाने वाले अधेड़ व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म की घटना समाज में भरोसा और विश्वास कम करती है। यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूíत संजय कुमार सिंह ने आरोपित जाफरगंज फतेहपुर निवासी भूतनाथ को जमानत पर रिहा करने से इन्कार करते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म करने वाले ने पूरे परिवार की आत्मा को आघात पहुंचाया है। पीडि़ता अपराध में सहभागी नहीं होती, बल्कि कामुक वासना का शिकार होती है। केस का विचारण चल रहा है। ऐसे में उसके बयानों पर ध्यान देना ठीक नहीं है। यह दुष्कर्म पीडि़ता ही नहीं पूरे समाज के विरुद्ध अपराध है। न्यायालय को विधिक पैरामीटर में इसका जवाब देना चाहिए।

पिता ने दर्ज करायी थी अपहरण की रिपोर्ट

पीडि़ता एक जून, 2019 की शाम चार बजे शौच के लिए गई थी। जब काफी देर तक वापस नहीं आई तो उसके पिता ने अपहरण की एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने एक माह बाद गुजरात के जामनगर से आरोपित के साथ पीडि़ता को बरामद किया। पुलिस व कोर्ट में दिए पीडि़ता के बयान में भिन्नता को लेकर याची ने जमानत पर रिहा करने की मांग की। पीडि़ता ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा था कि आरोपित उसे जबरन ले गया और दुष्कर्म किया। मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि उसे कोई दवा खिलाई गई, फिर बेहोशी हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया। याची का कहना था कि उसका परिवार में आना-जाना था। आपसी सहमति से उनका संबंध बना। मेडिकल जांच रिपोर्ट में पीडि़ता लगभग 18 साल की है और आधार कार्ड से नाबालिग, इसलिए अपराध नहीं बनता। जब तक केस चल रहा है जमानत पर रिहा किया जाए। वह पांच जुलाई, 2019 से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्मी की आयु 50 साल के बाबा की तरह है। ऐसी घटना परिवार का भरोसा व विश्वास कम करती है।

Posted By: Inextlive