त्वरित गति से हो जमानत की अपील का निस्तारण
प्रयागराज (ब्यूरो)। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति प्रीतिकर दिवाकर और विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व मुख्य वक्ता के रूप में अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र उपस्थित रहे। महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन द्वारा अतिथियों का परिचय कराया गया। बार अध्यक्ष व महासचिव द्वारा अतिथियों को स्मृति चिंह देकर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि अपील में जमानत की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से वादी या दोषी का हित व साथ ही साथ पीडि़त का हित भी प्रभावित होता है। मात्र जेल में होने की अवधि के आधार पर जमानत का निस्तारण नही होना चाहिए। ऐसा करते समय पीडि़त पक्ष का भी समुचित ध्यान रखना चाहिए। विशिष्ट अतिथि ने न्यायालय द्वारा अपील में जमानत का निस्तारण त्वरित गति से किया जाना जरूरी है। वर्तमान में बढ़ते मुकदमों के बोझ को ध्यान में रखते हुए अधिवक्ताओं को कड़ी मेहनत और तैयारी के साथ न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखा जाना चाहिए। मुख्य वक्ता ने विस्तारपूर्वक अपील में जमानत की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के दृष्टांत देते वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। अध्यक्षीय संबोधन में राधाकांत ओझा ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा भविष्य में सम सामयिक न्यायिक विषयों व न्यायाल के आदेशों की विस्तृत जानकारी के लिए नियमित सम्मेलन के आयोजन होते रहने चाहिए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने सम्मेलन के समापन की घोषणा की।