अपहरण में भांजे संग बबलू डॉन बेदाग
प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के बहुचर्चित सराफा कारोबारी पंकज महेंद्रा अपहरण कांड में अपर सत्र न्यायाधीश के द्वारा शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। पूरे आठ साल बाद सुनाए गए इस फैसले में आरोपित रहे डॉन ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू और भांजे संकल्प श्रीवास्तव को कोर्ट ने बरी कर दिया है। जबकि लूट और लूट का सामान रखने में आठ अभियुक्तों को 05-05 वर्ष के कठोर कारावास व 10-10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड नहीं अदा करने की दशा में आठों अभियुक्तों को छह माह के लिए अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा के बिन्दु पर हुई बहस के दौरान कुल 21 गवाह अदालत के सामने पेश किए गए। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा डे-बाई-डे सुनवाई के निर्देश दिए गए थे।
2015 में हुआ था सराफा पंकज महिंद्रा का अपहरण
10 करोड़ रुपये की अपहरणकर्ताओं ने मांगी थी रंगदारी
10 आरोपित दर्ज मुकदमें व पुलिस की जांच में आए थे सामने
05 जुलाई 2024 को मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
02 आरोपितों को अपर सत्र न्यायाधीश-2 ने किया दोष मुक्त
08 अभियुक्तों को कोर्ट ने दिया कठोर कारावास की सजा
शहर कोतवाली में हुई थी घटना
सराफा कारोबारी पंकज महिंद्रा का अपहरण कोतवाली क्षेत्र में 05 सितंबर 2015 को हुआ था। इस बहुचर्चित घटना की गूंज न सिर्फ जनपद पूरे प्रदेश तक पहुंची थी। जिला शासकीय अधिवक्ता व विशेष अधिवक्ता अपराध रणेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट को पूरी घटना की जानकारी दी। बताया कि पंकज के अपहरण मामले में उसके बड़े भाई राहुल महेंद्र की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। अपहरण के बाद आरोपितों दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई। मुकदमे में कहा गया है कि अपहरण के बाद उसका ब्रीफकेस व अन्य सामान अपहरण के बाद लूट लिया गया था। अपहरण के बाद उसे विनीत परिहार के फार्म हाउस पर बने कमरे में रखा गया। यह बात मालूम चलने के बाद पुलिस टीम अपहरण के दूसरे दिन थाना असोथर के सरकण्डी स्थित विनीत परिहार के फार्म हाउस पर पहुंची। जहां से अभियुक्त विकल्प श्रीवास्तव, सच्चिदानन्द उर्फ सच्च्दिा, महेंद्र यादव, चंद्र मोहन की गिरफ्तारी करीब साढ़े चार बजे की गई। इस बीच वहीं बगल के कमरे में बंद पंकज महिंद्रा को भी बरामद बरामद किया गया था। उसी माह 18 तारीख को पुलिस विकल्प श्रीवास्तव उर्फ गाूलू, महेंद्र यादव, सच्चिदानन्द व चंद्रमोहन यादव को पुलिस द्वारा रिमांड कस्टडी में लिया गया था। पूछताछ बाद पुलिस गुलाब यादव के मकान के पास झाडिय़ों से अभियुक्तों की निशादेवी पर पंकज महेंद्रा से लूटा गया सामान बरामद किया था। जांच और पूछताछ बाद कुल दस अभियुक्त इस घटना में गिरफ्तार किए गए।
जानिए किसे किस धारा में कितनी सजा
इस अपहरण काण्ड में गिरफ्तार किए गए दस अभियुक्तों में विकल्प श्रीवास्तव, सच्चिदानन्द उर्फ सच्चिदा, महेंद्र यादव, चंद्रमोहन यादव, विनीत परिहार,
संकल्प श्रीवास्तव, संदीप चौधरी उर्फ राजेश कुमार, राकेश सिंह, भोलू उर्फ अभिषेक यादव, ओम प्रकाश श्रीवासतव उर्फ बब्लू शामिल हैं।
उक्त आरोपितों के खिलाफ सजा के बिन्दु पर अपर सत्र न्यायाधीश-2 गैंगेस्टर जज विनोद कुमार चौरसिया के द्वारा सुनवाई की गई।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा अदालत में मजबूती के साथ अपना पक्ष रक्षा गया। अभियोजन की ओर से कुल 21 गवाह अदालत में पेश किए गए।
सुनवाई के बाद पत्रावलियों में मौजूद साक्ष्यों, गवाहनों की गवाही के आधार पर अदालत के द्वारा आठ अभियुक्त विकल्प श्रीवास्तव, सच्चिदानन्द, महेंद्र यादव, व
चंद्रमोहन यादव, विनीत परिहार, संदीप चौधरी, राकेश सिंह, भोलू उर्फ अभिषेक यादव को धारा 365/34 में 05-05 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया।
साथ ही इन सभी 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है कि जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
इसी तरह धारा 342/34 भारतीय दण्ड में सभी को छह-छह माह का कारावास व दस-दस हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।
यह जुर्माना नहीं दे पाने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया है।
वहीं अभियुक्त विकल्प श्रीवास्तव, सच्चिदानन्द, महेंद्र यादव, चंद्रमोहन यादव को 392/34 आईपीसी में छह वर्ष छह माह का कठोर कारावास व 15-15 हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।
यह जुर्माना नहीं दे पाने पर एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सुना सुनाई गई। अदालत के द्वारा इन आठों अभियुक्तों को धारा 364 ए, 395, 412 व 120 बी आईपीसी में दोषमुक्त किया गया है।
इसी तरह इस मामले में अभियुक्त रहे डॉन ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू व उसके भांजे संकल्प श्रीवास्तव को धारा 364ए 395, 412, 342, 120 बी आईपीसी में अदालत ने दोष मुक्त करार दिया।
छह वर्ष में 203 को आजीवन कारावास
सत्र वादों में अब तक हुई सजाओं पर गौर किया जाय तो अब तक 203 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद्र अग्रहरि का दावा है कि वह अपने कार्यकाल में 292 अभियुक्तों को आजीवन सश्रम कारावास की सजा करा चुके हैं। इतना ही नहीं, बताते हैं कि कड़ी मेहनत व परिश्रम से 46 वर्षों के पुराने वालों को भी उन्होंने निस्तारित कराया। अनैतिक देह व्यापार अधिनियम में 41 अभियुक्तों को भी वह सजा दिए।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी