बाबाओं को पसंद हैं उपनाम
उपनाम से ज्यादा फेमस हैं तम्बुओं के शहर माघ मेला में आए साधु संत व बाबा
PRAYAGRAJ: तम्बुओं के शहर में संत महात्माओं के श्रीमुख से आस्था की बयार बह रही है। जीवन के मोक्ष और धर्म व नेक मार्ग दिखाने वाले बाबाओं के नाम नाना प्रकार के हैं। अपने नाम से ज्यादा वह उपनाम से चर्चित हैं। जैसे उपनाम वैसे इनके काम भी हैं। महाराज को भक्तजन उपनाम से ही जानते व पहचानते हैं। इनके मठ पर लगे बोर्ड व नाम ही मेला क्षेत्र में इनकी पहचान हैं। पुलिस से लेकर प्रशासन तक के लोग भी इन्हें उप नाम से ही जानते हैं। खुद सभी अपने उप नाम को ही बताने में ज्यादा रुचि व सम्मान मानते हैं। काम से मिलते हैं बाबाओं के उपनाम- सतुआ बाबा का यूं तो नाम संतोष दास जी महाराज है। मगर, क्या संत क्या भक्त सभी उन्हें 'सतुआ बाबा' के नाम से ही हैं। माघ में बाबा के यहां रहने वाले लोग भी सतुआ बाबा के नाम से ही इन्हें सम्बोधित करते हैं। बाबा के मठ में प्रसाद स्वरूप सतुआ ही बंटा जाता है, या सतुआ से बने कुछ अन्य आइटम दिए जाते हैं। रोज दिए जाने वाली इसी प्रसाद के चलते बाबा का उन नाम सतुआ बाबा पड़ा।
- पेड़ा वाले बाबा के मठ का नाम स्वामी राम तीर्थ दण्डी बाड़ा है। स्वामी जी अब रहे नहीं सो चेले मठ चला रहे हैं। आज भी मठ व महाराज को लोग पेड़ा वाले बाबा के नाम से ही जानते हैं। कहते हैं कि मठ में आने वाले भक्तजन को प्रसाद स्वरूप बाबा बड़ा सा एक पेड़ा देते थे। वह रश्म आज भी निभाई चली आ रही है।
अजगरा बाबा के आश्रम गेट पर मोक्ष स्थली का बोर्ड लगा है। उनके चेलों ने बताया कि यहां जीवन के मोक्ष का रास्ता बाबा द्वारा दिखाया जाता है। कहते हैं कि हर रोज संध्या के वक्त हरि भजन में खुद के कार्यो से मोक्ष कैसे मिलेगा यह बाबा बताते हैं। इसीलिए इनके आश्रम का नाम मोक्षस्थली रखा गया। काफी कुरेदने पर बताया गया कि प्रतापगढ़ में स्थित अजगरा बाबा धाम के नाम से महाराज का नाम अजगरा बाबा पड़ा। संकट मोचन धाम रामसरण मौनी जी महाराज के नाम का भी अपना अलग ही जलवा है। बाबा मौनधारण करते हैं इसलिए यह मौनी बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए। भक्त कहते हैं कि बाबा के श्रीचरणों में संकट से निवारण के रास्ते मिल जाते हैं।गरुणेंद्र महारा उर्फ चिरकुट बाबा। कोल्हू नाथ खालसा, बाबा लोक सेवा संस्थान देवरहवा बाबा जैसे तमाम बाबाओं के नाम माघ मेला क्षेत्र में देखने व सुनने को मिल रहे हैं। हर नाम के पीछे उनके गुण व कार्यो का मर्म छिपा बताया गया।