श्री हरि भगवान विष्णु के चार माह के लंबे शयन के बाद जाग्रत होने के उपलब्ध में कार्तिक की एकादशी को देवोत्थान एकादशी के रूप में मनाया जाता है. सोमवार को देवोत्थान एकादशी के अवसर पर सनातन धर्मावलंबियों ने भगवान के जाग्रत होने की खुशी मनायी. मंदिर और मठों से लेकर घरों में विशेष आयोजन हुए. इसके साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो गए. देवोत्थान एकादशी के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजन का आयोजन हुआ. जिसमें भगवान को मंत्रोच्चार के बीच पंचामृत व गन्ना का रस सिंघाड़ा मिष्ठान आदि प्रसाद स्वरूप अर्पित किया गया. इस अवसर पर गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान किया. बलुआघाट में चल रहे कार्तिक मेले में भी बड़ी संख्या में स्नानार्थी पहुंचे.


प्रयागराज (ब्यूरो)। श्री शालिग्राम भगवान एवं तुलसी जी के साथ परिणय के पूर्व रानी मंडी स्थित भगवान श्री शालिग्राम जी का बारात बाजे गाजे, घोड़े ,हाथी, बैंड ,बाजा के संग बग्गी पर सवार करके निकाली गई। बारात के पूर्व रथ पर सवार श्री शालिग्राम भगवान का पूजन आरती सुशील यादव एवं तुलसी विवाह महोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक अमर वैश्य मुन्ना भैया एवं संस्थापक संतोष आनंद जी महाराज, अध्यक्ष कृष्ण भगवान केसरवानी आदि ने किया। इसके बाद बारात को हरी झंडी दिखाकर महामंत्री बसंत लाल आजाद ने प्रस्थान किया। बारात का स्वागत विभिन्न मोहल्लों में किया गया। बारात चौक, लोकनाथ, ऊंचामंडी, बहादुरगंज, मु_ीगंज बाबा तारा राम पीली संगत पर पहुंचकर समाप्त हुई। भगवान शालिग्राम एवं माता तुलसी जी का पाणिग्रहण में श्रद्धालु भक्तों ने भारी संख्या में भाग लिया। इसके बाद भक्तों ने पप्पू जी का कार्यक्रम संपन्न किया। उसके बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। यज्ञ आचार्य संतोष आनंद जी महाराज एवं अन्य आयोजकों ने बताया कि कल तुलसी मां की विदाई समारोह सम्पन्न होगा। जिसके बाद प्रीतिभोज का आयोजन किया जाएगा तथा सप्तम दिवसीय दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति भी संपन्न होगी।

Posted By: Inextlive