खुद से खर्च जुटाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम आगे पर काम कर रही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का फीस स्ट्रक्चर चेंज होने जा रहा है. शनिवार को हुई एकेडमिक कौंसिल की मिटिंग में फीस स्ट्रक्चर चेंज करके बाकी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के बराबर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. नया फीस स्ट्रक्चर क्या होगा? इसे तो अभी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डिस्क्लोज नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि बढ़ोत्तरी कोर्स वाइज तीन से दस गुना के बीच हो सकती है. सेम कहानी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स पर भी लागू होगी. इसका भी फीस स्ट्रक्चर चेंज किया जायेगा. बढ़ा हुआ फीस स्ट्रक्चर सत्र 2022-23 में यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले नये छात्रों पर लागू होगा. एकेडमिक कौंसिल ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है. इसमें फाइव इयर इंटीग्रेटेड कोर्स भी शामिल हैं.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यूनिवर्सिटी के एकेडमिक कौंसिल की 43वीं मिटिंग शनिवार को वीसी प्रो। संगीता श्रीवास्तव की देखरेख में हुई। इसमें फीस बढ़ाने को मंजूरी देने के साथ इसे भी मंजूरी दी गयी कि जो छात्र अध्ययनरत हैं उन पर फीस वृद्धि लागू नही होगी। इसी तरह विवि के हास्टल्स में रहना भी महंगा होगा। इनके रखरखाव और मेंटनेंस के लिए फीस बढ़ाने का फैसला एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया है।
110 साल बढ़ेगी ट्यशन फीस
विश्वविद्यालय की ट््यूशन फीस वर्ष 1912 से नहीं बढ़ाई गई है। तब से अब तक ट्यूशन फीस मात्र 12 है। बैठक में कहा गया कि सरकार द्वारा अब इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि विवि अपने संसाधन से इनकम बढ़ावें। यूनिवर्सिटी की ग्रांट में भी कमी की गई है। इसलिए विवि के सुचारू रूप से संचालन के लिए यह जरूरी है कि मौजूदा फीस स्ट्रक्चर को पुनरीक्षित किया जाए। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह भी कहा गया कि विवि के हॉस्टल की दशा ठीक नहीं है और उनमें रखरखाव की और अवैध छात्रों को हटाने की जरूरत है। विवि के पास इस समय 20 हॉस्टल है जिनमें से हिंदू हॉस्टल को अभी-अभी शामिल किया गया है। इन हॉस्टल्स की फीस को बढ़ाना जरूरी है ताकि हॉस्टल का संचालन बेहतर तरीके से किया जा सके।

924 रुपये है यूजी कोर्स की फीस
1424 रुपये है पीजी कोर्स की फीस
1986 में की गयी थी परीक्षा शुल्क में वृद्धि
400 रुपये किया गया था तब परीक्षा शुल्क
30 साल से सेम है एयू में फीस स्ट्रक्चर

बचेंगे नही बदनामी के सूत्रधार
सोशल मीडिया में विवि के खिलाफ लिखने और विवि को बदनाम करने के कई प्रकरण सामने आए हैं। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कहा गया कि तमाम आंदोलनों में नियमित रूप से संस्था की इस तरह की बदनामी करने की कोशिश की जाती रही है। इसको रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि यदि कोई छात्र मीडिया अथवा सोशल मीडिया पर विवि को बदनाम करने की गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई शिक्षक इस तरह के कार्य में लिप्त रहते हैं और मीडिया में या सोशल मीडिया पर विवि के खिलाफ बयान डालते हैं तो कार्य परिषद की संस्तुति से उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

दस नए कोर्स की मिली सौगात
बैठक में दस नए फाइव इयर इंटीग्रेटेड कोर्स चालू किए जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है।
बीए/बीएससी एंड एमए/एमएससी इन योगा एंड मेडिटेशन
बीटेक एंड एमटेक इन सीएसई विद मेजर इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
बीए/बीएससी एंड एमए/एमएससी इन डिजास्टर मैनेजमेंट एंड इनवायरमेंट स्टडीज
बीएससी एंड एमएससी इन फूड एंड न्यूट्रिशन
बीसीए एंड एमसीए इन डटा साइंस
बीबीए एंड एमबीए
बीडीईएस एंड एमडीईएस इन फैशन डिजाइन एंड टेक्नोलाजी
बीएससी एंड एमएससी इन फूड टेक्नोलाजी
एमएससी एंड पीएचडी इन (द्ब) काग्निटिव साइंस(द्बद्ब) ह्यूमन कम्प्यूटर इंटरेक्शन एंड (द्बद्बद्ब) काग्निटिव एंड क्लीनिकल

हर फैकल्टी का होगा प्री पीएचडी प्रोग्राम
विवि अब कंबाइन फ्री पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है जिससे अलग-अलग विभागों के प्री पीएचडी प्रोग्राम की जगह अब हर फैकल्टी का एक प्री पीएचडी प्रोग्राम होगा, जो कि यूजीसी की इस संदर्भ में दी गई गाइडलाइन के अनुरूप होगा। प्रोग्राम को इफेक्टिव तरीके से लागू करने के लिए प्री पीएचडी प्रोग्राम की एक अलग फीस स्ट्रक्चर होगी। यह नया प्रोग्राम इस बार एडमिशन लेने वाले छात्रों पर लागूू होगा। वर्तमान छात्रों पर लागू नही होगा।

स्मार्ट क्लासरूम के लिए एप्रीशिएशन
विभिन्न लाइफ साइंस विषयों में आने वाले प्रोजेक्ट फण्ड से एक स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए प्रो एसआई रिज़वी को एकेडमिक काउंसिल की बेठक में सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन दिया गया। ये स्मार्ट क्लास रूम होम साइंस जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, बायोकेमिस्ट्री विभागों और सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के कुछ प्रोजेक्ट के फण्ड से बनाया गया है।

Posted By: Inextlive