इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में नई पौध को तराशने के लिए क्लस्टर मानिटङ्क्षरग सिस्टम अपनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए छात्र-छात्राओं के समूह को 20 से 25 की संख्या में विभाजित कर टोली बनाई जाएगी. उनके मार्गदर्शन के लिए एक मेंटर भी तय किए जाएंगे. मेंटर विश्वविद्यालय के शिक्षक सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ शोधार्थी भी हो सकते हैं. कार्यक्रम के पहले चरण में मेंटर के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। एक्चुअली, कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने 25 अक्टूबर को नार्थ हाल में सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, को-आर्डिनेटर और निदेशकों के साथ बैठक की थी। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास, सामाजिक विकास, करियर काउंसिङ्क्षलग समेत अन्य व्यक्तिगत समस्याओं को सुलझाया जाएगा। जिससे वह तनावमुक्त रहकर पढ़ाई कर सकें। इसके लिए विश्वविद्यालय ने क्लस्टर मानिटङ्क्षरग सिस्टम अपनाने का निर्णय लिया था। इसके तहत सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वह मेंटर की सूची तैयार करें। कुलपति की निर्देश पर रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ल की तरफ से इस आशय का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। मेंटर की भूमिका विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों के अलावा कार्यरत शिक्षक और शोधार्थी निभाएंगे। मेंटर की सूची विभाग के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी, जिससे छात्र-छात्राएं सीधे संपर्क कर अपनी समस्याओं को चुटकी में हल करने में कामयाब हो सकें।

विश्वविद्यालय के सभी विभागों में छात्रों के लिए मेंटर नियुक्त किए जाएंगे ताकि छात्रों की पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी हुई समस्याओं और करियर से जुड़े मुद्दों पर उनकी काउंसिङ्क्षलग की जा सके। छात्रों की सूची बनाकर उनके लिए मेंटर नियुक्त किए जाएंगे। इससे छात्रों को अपने करियर और पढ़ाई-लिखाई से जुडे अकादमिक, भावनात्मक, सामाजिक विषयों के लिए सलाह मांगने में सुविधा होगी।डाक्टर जया कपूर पीआरओ

Posted By: Inextlive