अतीक हत्याकांड की जांच को तीन महीने और मिले
प्रयागराज ब्यूरो । अतीक और अशरफ की हत्या जिस वक्त की गयी थी वह पुलिस कस्टडी में था। रुटीन की प्रक्रिया पूरी करते हुए पुलिस उसका मेडिकल कराने के लिए ले जा रही थी। भारी भरकम फोर्स की मौजूदगी के बाद भी हत्यारों में इतनी हिम्मत कहां से आ गयी कि उन्होंने गोली चलाने में एक बार भी नहीं सोचा। हथियार बंद पुलिस की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया था। हत्या के बाद तीनो आरोपितों ने सरेंडर कर दिया और पुलिस उन्हें लेकर थाने चली गयी। इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था। इसी के चलते जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने सबसे बड़ा चैलेंज वे लूप होल्स का पता लगाना है, जिसका फायदा कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए हत्यारों ने उठाया। पुलिस कर्मियों के स्तर पर कहां और कैसे चूक हुई थी? इसका पता लगाने के लिए आयोग पहले ही अभिरक्षा में तैनात रहे पुलिसकर्मियों का बयान दर्ज कर चुका है। घटना के वक्त स्पॉट पर मौजूद रहे और उसकी कवरेज को लाइव कर रहे मीडियाकर्मियों का भी शपथपूर्वक बयान अंकित किया जा चुका है। सूत्र बताते हैं कि अभी तक जो एवीडेंस सामने आये हैं वह जांच आयोग को किसी नतीजे तक पहुंचने में सपोर्ट करने के लिए मजबूत नहीं हैं।
कॉमन मैन के बयान होंगे दर्जपुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या के बाद ही शासन स्तर पर न्यायिक आयोग को गठन किया गया है। इसका चेयरमैन इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस डीबी भोसले को बनाया गया है। न्यायिक जांच आयोग ने पब्लिक व्यू जानने के लिए काम किया है। विज्ञापन देकर कॉमन मैन से घटना के बारे में जानकारी दर्ज कराने का आग्रह किया गया था। बताते हैं कि कई लोगों ने खुद से सामने आकर बयान दर्ज कराने की इच्छा जताई है। इसी के चलते न्यायिक आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। बता दें कि 15 अप्रैल को मोती लाल नेहरू (काल्विन) अस्पताल के गेट पर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या ने अतीक व अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्यारोपितों की न्यायिक अभिरक्षा बढ़ी
अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के हत्यारोपित लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य व सनी सिंह की न्यायिक अभिरक्षा 14 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है। सोमवार को तीनो को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। सहायक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि अभी तक आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल नहीं की गयी है। 14 जुलाई को 90 दिन पूरे हो जाएंगे। तीनों शूटर इस वक्त प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं।