Atiq Ashraf Murder Case : जानें जिस जेल में हैं अतीक के बेटे वहां क्यों बंद हुआ टीवी व अखबार, बढ़ाई सुरक्षा
प्रयागराज (ब्यूरो)। Atiq Ashraf Murder Case : जेल में बंदियों व कैदियों से मिलाई पर लगाई गई रोक मंगलवार को हटा दी गई। मिलाई करने के लिए पहुंचे लोगों गहन छानबीन की गई। रंगदारी के मामले के आरोपित मो। अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। उसके पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की शनिवार रात पुलिस कस्टडी में शूटरों ने हत्या कर दी। बात अली को मालूम नहीं चलने पर वह बखेड़ा करेगा, इसी आशंका पर जेल में टीवी और अखबार दोनों ही बंद करा दिए गए। जेल में बंद कैदियों व बंदियों से मिलाई पर भी रोक लगा दी गई। जेल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त पहरा बैठा दिया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर खुद सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। जेल में अली और उसकी बैरक पर निगरानी के लिए बंदी रक्षकों की संख्या बढ़ा दी गई। यह व्यवस्था सोमवार तक बनी रही। मंगलवार को बंदियों व कैदियों से परिजनों की मिलाई पर लगाई गई रोक हटा दी गई। मगर, पहरा पूरी तरह सख्त रहा। बंदियों व कैदियों से मिलने के पहुंचे लोगों द्वारा देने के लिए जे जाए गए सामानों की गहन चेकिंग की गई। चेकिंग के बाद ही परिजनों द्वारा लाए गए खाने व पीने के सामान बंदियों और कैदियों को दिए गए।
शाइस्ता की तलाश में मायके में छापापुलिस पहुंची तो खुला था घर का दरवाजा, भीतर कोई नहीं था मौजूदअतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद अतीक की पत्नी शाइस्ता अब पुलिस का सबसे बड़ा टारगेट है। उसकी तलाश में छापेमारी का क्रम लगातार जारी है। मंगलवार को भी पुलिस उसके पुरामुफ्ती एरिया में स्थित मायके तक पहुंची। पुलिस के पहुंचने से पहले ही यहां सन्नाटा पसर चुका था। बताया जाता है कि घर खुला मिला लेकिन वहां कोई मौजूद नहीं था जिससे कुछ पूछताछ की जा सके। पुलिस ने भी कुछ देर इंतजार किया और वापस लौट गयी।दिन में सरेंडर की अफवाह
मंगलवार को दोपहर बाद अचानक अफवाह फैली कि शाइस्ता कोर्ट में सरेंडर कर सकती है। इसकी किसी भी स्तर पर कोई पुष्टि नहीं हुई। संयोग से इसके चंद मिनट पहले ही गोबर गली कटरा में बमबाजी की घटना हुई थी। इसी गली में अतीक के वकील का मकान भी है। कर्नलगंज पुलिस वकील के घर हमला होने की अफवाह पर वहां पहुंची और पड़ताल की। गली में लगे सीसीटीवी कैमरों की जो फुटेज सामने आयी उससे पता चला कि यह आपसी विवाद का मामला था। इसका अतीक के वकील से कोई लेना देना नहीं था। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से भी शाइस्ता की तरफ से सरेंडर करने के लिए कोई अर्जी दिये जाने की सूचना नहीं आयी। शाइस्ता की तरफ से उमेश पाल हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को लिखी गयी चिट्ठी जरूर वायरल हो गयी। इस पर भी दिन भर बहस चलती रही।